Lucknow News: डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के मामले में श्रीनारायणी इंफ्रा डेवलपर का निदेशक साथी संग गिरफ्तार

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Published By Deepak Mishra
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एसटीएफ ने नौ दिन पहले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर किया था घटना खुलासा

लखनऊ, अमृत विचार। एसटीएफ ने डिजिटल अरेस्ट कर 1.29 करोड़ रुपये ठगने वाले गिरोह के दो और सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। चार सदस्यों को पांच जुलाई को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया था। आरोपियों ने बरेली के पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के रिटायर्ड वैज्ञानिक डा. शुकदेव नंदी को दो दिन डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की थी।

एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह के मुताबिक टीम ने शनिवार देर शाम को इकाना स्टेडियम के पास से अयोध्या के बीकापुर निवासी (हाल पता वृंदावन कॉलोनी) प्रदीप सिंह और वजीरगंज के रिवर बैंक कालोनी निवासी महफूज को गिरफ्तार किया। प्रदीप श्री नारायणी इंफ्रा डेवलपर प्रा. लि. का निदेशक है।

एसटीएफ के इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय के मुताबिक बरेली निवासी पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. शुकदेव नंदी को सीबीआई अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया था। फर्जी सीबीआई अधिकारी दयानायक ने उन्हें धमकाया। उनके खाते से 1.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए थे।

एसटीएफ की पूछताछ में प्रदीप ने कुबूल किया कि उसने कंपनी के नाम से आईसीआईसीआई बैंक में एक कारपोरेट खाता खोल रखा था। उसी में ठगी की रकम जमा करता है। उसे बायनेंस एप के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में कमीशन मिलता था। अब तक 871 यूएसडीटी कमीशन मिल चुका है।

महफूज ने बताया कि एक सदस्य के कहने पर खाता खुलवाया, एटीएम और सिम कार्ड उसे सौंप दिया था। जो खाता दिया था उसमें 9 लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं। आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल फोन, पैन व आधार कार्ड, और क्रिप्टो वॉलेट से जुड़े दस्तावेजों का फॉरेंसिक परीक्षण कराया जाएगा। जिन खातों और वॉलेट का उपयोग किया गया, उनकी ट्रेसिंग कर अन्य गैंग सदस्यों की तलाश की जा रही है।

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