वाराणसी में गंगा उफान पर, नावों और मोटर बोट से गंगा आरती देखने पर प्रतिबंध, हरिश्चंद्र घाट जलमग्न, गलियों में हो रहा शवदाह

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Published By Deepak Mishra
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वाराणसी। सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर नाव और मोटरबोट से गंगा आरती देखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के अनुसार गंगा का जलस्तर प्रति घंटे चार सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण सभी प्रकार की नावों और मोटर बोट पर प्रतिबंध के साथ बैठकर गंगा आरती देखने पर भी पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है।

प्रभारी निरीक्षक जल पुलिस राजकिशोर पांडेय ने बताया कि सावन का महीना चल रहा है। ऐसे में बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन को भक्तों भीड़ उमड़ रही है। घाटों का संपर्क आपस में पूरी तरह से टूट गया हैं। नावों और मोटर बोट के संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। गंगा आरती के समय कोई भी श्रद्धालु नाव से बैठकर आरती न देखे इसको लेकर भी रोक लगा दिया गया है।

हरिश्चंद्र घाट जलमग्न होने के कारण शवदाह गलियों में किया जा रहा है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह छतों पर हो रहा है। सुरक्षा को देखते हुए जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें लगातार गंगा में गश्त कर रही हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा के किनारे सरसौल, गौरा, मुरीदपुर समेत कई तटवर्ती गांवों में सब्जियों की खेती डूब गई है।
ढाब इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है।

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