बरेली : कौशल विकास के नाम पर फर्जीवाड़ा, फर्जी दाखिले करके हड़पी जा रही करोड़ों की धनराशि
बरेली, अमृत विचार : उत्तर प्रदेश के बेरोजगार छात्रों को प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलाने की सरकारी कसरत भी घोटाले की भेंट चढ़ी नजर आ रही है। बरेली में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के अंतर्गत फर्जी छात्र दिखाकर करोड़ों रुपये गोलमाल का मामला सामने आ रहा है। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC) की शिकायत पर बिथरी पुलिस ने देवभूमि एजुकेशनल सोसायटी के ट्रेनिंग सेंटर देवभूमि प्राइवेट आईटीआई के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।
देवभूमि प्राइवेट आईटीआई का सेंटर डोहरा मार्ग पर है। संस्थान में फर्जीवाड़े की शिकायत पर कौशल विकास मंत्रालय की टीम ने 22 जनवरी 2025 को छापेमारी की थी। बायोमेट्रिक सिस्टम चेक किया। उस वक्त यहां करीब 24 छात्रों की हाजिरी फर्जी पाई गई थी।
संस्थान में दो बैच को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। लेकिन वास्तविक छात्रों की जगह यहां फर्जी छात्र दिखाकर ट्रेनिंग की धनराशि वसूली जा रही थी। आरोप है कि यहां छात्रों की फर्जी आईडी बनाकर सरकारी फंड लिया जा रहा था। गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद एनएसडीसी ने संस्थान को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया, लेकिन उस पर संस्थान का कोई जवाब नहीं आया।
एनएसडीसी के स्टेट कोऑर्डिटनेटर दीपक चतुर्वेदी ने 6 जून को बिथरी चैनपुर थाने में संस्था के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। जिसमें फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी करके सरकारी धनराशि का गबन आदि आरोप लगाए थे। शिकायत में कहा गया कि देवभूमि आईटीआई संचालक ने साजिश के तहत घोटाला किया है।
पुलिस ने संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है। एनएसडीसी ने पुलिस से मांग की है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि सरकार की इतनी महत्वपूर्ण योजना का वास्तिवक लोगों तक लाभ पहुंचता रहे।
जांच के घेरे में कई केंद्र
कौशल विकास केंद्रों पर फर्जीवाड़ा का ये इकलौता मामला नहीं है। सूत्रों के मुताबिक कई और केंद्रों पर इसी तरह से फर्जीवाड़ा चल रहा है। छात्रों का पंजीकरण कराकर सरकार से धनराशि वसूली जा रही है। जबकि हकीकत में पंजीकृत छात्र न तो ट्रेनिंग ले रहे हैं और न ही उन्हें इसकी जरूरत है। बताते हैं कि एनएसडीसी कई और केंद्रों पर भी नजर बनाए है और उनके यहां भी छापेमारी की तैयारी चल रही है।
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