ज्वेलरी जैसे ब्रेसलेट से पूरे बरस मिलेगा बहना का स्नेह: स्टाइलिस्ट डिजाइनर और विशेष आइटम से सजा यहियागंज थोक बाजार

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Published By Anjali Singh
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नीरज मिश्र, अमृत विचार: रक्षाबंधन पर्व अगले माह 9 अगस्त को है। बाजार ज्वेलरी सरीखी राखियों से पट गए हैं। उन बहनों के लिए अभी मौका है जिनके भाई बाहर नौकरी कर रहे हैं। मनमुताबिक राखियां चुनें और भेज दें उनके पोस्टल एड्रेस पर। यहियागंज थोक बाजार में ब्रेसलेट है तो कहीं बाजारों में डिजाइनर रक्षासूत्रों की भरमार है। अमेरिकन डायमंड और ऊं वाली पोत राखी की मांग है तो बच्चों के लिए कडे़ और कलाई पर बांधने वाली घड़ी भी राखी के रूप में मौजूद है। 

कपल राखी एक डिब्बे में है। 

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इसमें बाकायदा दो छोटी आकर्षक शीशियों में रोली और अक्षत भी रक्षासूत्र रूपी ब्रेसलेट के साथ मौजूद है। और तो और रंग-बिरंगी सूती और रेशमी राखियां भी आकर्षक गेटअप में स्टोन के साथ मौजूद हैं। इनके बीचोबीच लगे चमकीले पत्थर बरबस ही आकर्षित करते हैं। ऐसी राखियां भी हैं जो पूरे साल तक भाइयों के कलाइयों पर सजी रह सकती हैं। इनमें चमकदार नगीने और ऐसे स्टोन हैं जो पूरे साल अपनी चमक बरकरार रखेंगे।

बच्चों के लिए कड़े और कलाई झालर के साथ ''स्पिन रियल टाइम वाच''

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बच्चों की कलाई में बांधी जाने वाली घड़ी आकर्षण का केंद्र है। इसमें इलेक्ट्रानिक घड़ी लगी है। कलाई पर बांधने के बाद इसे जैसे ही ऑन किया जाता है। म्यूजिक के साथ इनसे रंग-बिरंगी लाइट जलती है। कलाई पर घड़ी के डॉयल का हिस्सा घूमता रहता है। यहियागंज के कारोबारी शिवम अग्रवाल बताते हैं कि यह आइटम काफी स्टॉक में मंगाया था वह हफ्तेभर में बिक गया। इसकी कीमत प्रति पीस थोक बाजार में 125 रुपये है जबकि फुटकर में इसकी कीमत 200 रुपये से भी अधिक है।

बच्चियों के लिए भी राखी

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12 पीस वाली राखी का यह नया आइटम है। 200 रुपये दर्जन के इस डिब्बे में एडी ब्रांड की 120 रुपये प्रति पीस की स्टोन राखियां हैं जो भाइयों के साथ भतीजियों के हाथों पर भी बांधी जा सकती हैं। इसके अलावा पजल गेम के भी कई आइटम हैं। बच्चों की टेडी राखी, मोटू-पतलू, छोटा भीम, डोरेमान जैसी पुराने स्टाइल वाली राखियां भी हैं। बच्चों की कलाई लटकर और कड़े बेहतरीन हैं।

कपल राखी के साथ लें रोली और अक्षत

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मोहन भाई राखी वाले बताते हैं कि कपल राखी का लुक अलग है। रक्षासूत्र के साथ इसमें खूबसूरत शीशियां हैं। इनमें रोली और अक्षत चावल के रूप में मौजूद है। रोली से भाई को टीका करिए और अक्षत लगा भाई की कलाई को रक्षासूत्र से सजा दीजिए। इसकी प्रति पीस कीमत 150 रुपये है। इसे भइया-भाभी राखी के नाम से भी बाजार में जाना जाता है।

देशी सूती और रेशमी डोरी वाली राखियां भी किसी से कमतर नहीं

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यहियागंज बाजार में डिजाइनर सूती और रेशमी राखियां भी हैं। ब्रेसलेट स्टाइल में इनमें बीच में घने रंग-बिरंगे स्टोन लगाए गए हैं। इनकी कीमत 30 से 40 रुपये दर्जन तक है। वहीं पोत राखी है जिसमें बीचो-बीच स्टोन लगा है और मजबूत आकर्षक फीता भाइयों की कलाई पर सजने को तैयार है। पैकिंग आकर्षक है। इसकी कीमत 70 से 80 रुपये प्रति पीस है। वहीं कलर लुंबा और अमेरिकन डायमंड से सजा रक्षासूत्र 100 रुपये से लेकर 125 रुपये प्रति पीस तक यहियागंज में है। पुराना आइटम थाली भी मौजूद है। इसमें एक पाउच में रोली, अक्षत, चंदन, मिश्री और बहनों का स्नेहिल रक्षासूत्र रखा है।

ऑनलाइन कारोबार सीजनल कारोबार भी रहा है बिगाड़

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यहियागंज युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष कुश मिश्र और शिवम अग्रवाल कहते हैं कि ऑनलाइन बाजार इस सीजनल कारोबार को भी चूना लगा रहा है। ऑनलाइन के लिए एक पॉलिसी बनाई जानी चाहिए। ऑनलाइन कारोबार से लोगों को महंगी राखियां मिल रही हैं।

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