पीलीभीत: बाघिन के ताबड़तोड़ हमलों के बाद पीलीभीत पहुंचीं पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ
पीलीभीत, अमृत विचार। जनपद के न्यूरिया क्षेत्र में बढ़े मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के मद्देनजर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव रविवार दोपहर बाद पीलीभीत पहुंचीं। यहां उन्होंने फुलहर समेत अन्य बाघ प्रभावित गांवों का दौरा किया और ग्राम प्रधानों समेत ग्रामीणों से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने चल रहीं रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारियों को भी परखा और वन अफसरों से बाघिन के संबंध में जानकारी लेने के साथ उसे तत्काल रेस्क्यू करने के भी निर्देश दिए।
जनपद में लगातार बढ़ रही मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को शासन स्तर से भी संज्ञान में लिया गया है। बाघिन को पकड़ने को लेकर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की भी शासन स्तर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। वन महकमे के कई बड़े वन अफसर जनपद में डेरा डाले हुए हैं। इधर रविवार दोपहर बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव अनुराधा वेमुरी पीलीभीत पहुंची। उन्होंने वन अफसरों के साथ गांव फुलहर, बिथरा, सहजनियां, मंडरिया, मेवातपुर समेत महेशपुर का दौरा किया। बाघ प्रभावित गांवों में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव ने ग्राम प्रधानों समेत ग्रामीणों से जानकारी ली और उन्हें जागरूक भी किया।
इस दौरान उन्होंने बाघ प्रभावित गांवों में वन महकमे की ओर से किए गए सुरक्षा कार्यों का भी देखा। महेशपुर और मंडरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन से संबंधित तैयारियां का भी जायजा लिया। वन अफसरों से बाघिन के लोकेशन और अब तक किए गए प्रयासों के बारे भी जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने देर शाम भी दौरा कर चल रहे प्रयासों की हकीकत भी जानी कि टीमें किस तरह से क्षेत्रों में कार्य कर रही है।
इस दौरान उन्होंने वन अफसरों को सुझाव देने के साथ जल्द से जल्द बाघिन को रेस्क्यू करने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्य वन संरक्षक बरेली वृत्त पीपी सिंह, फील्ड डायरेक्टर रमेश चंद्रा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह, वन एवं वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ भरत कुमार डीके, प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चौहान, अंजनी कुमार श्रीवास्तव, ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार, डॉ. दयाशंकर समेत क्षेत्रीय वनाधिकारी एवं अन्य वन अफसर मौजूद रहे।
