आगरा धर्मांतरण गिरोह: पहचान पत्र से लेकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज फर्जी, 12 बैंक खातों में आते थे विदेशी फंड, संचालित करती थी आयशा

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: आगरा पुलिस की गिरफ्त में आये धर्मांतरण गिरोह के दस आरोपियों के पहचान पत्र से लेकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज फर्जी मिले हैं। आरोपियों ने दूसरे प्रदेश में अलग-अलग फर्जी दस्तावेज से आधार कार्ड बनवाया था। इसी आधार कार्ड के सहारे सिम कार्ड खरीदा। इस संबंध में कस्टडी रिमांड के दूसरे दिन आगरा पुलिस ने पूछताछ की। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि सिमकार्ड और मोबाइल खरीदने का काम गिरोह के चिह्नित लोग ही करते थे। पिछले दो दिन से आगरा पुलिस और खुफिया एजेंसी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। कई सवालों के जवाब सभी ने अलग-अलग दिया।

सोमवार को एडीसीपी आदित्य व एसीपी मो. अली की टीम ने आरोपियों से कई घंटे तक पूछताछ की। कॉल डिटेल के आधार पर कुछ नंबरों के बारे में पूछा। कुछ के बारे में कहा कि उनके परिचित हैं, वहीं, कुछ नंबर ऐसे थे जिन पर लगातार बात होती थी। उस संबंध में आरोपियों ने बताया कि यह नंबर आयशा और ओसामा ने दिये थे। जब आयशा से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि जिनके पास यह नंबर है। वह गिरोह के सदस्यों के ठहरने और यात्रा के लिए साधन उपलब्ध कराते थे।

12 बैंक खातों की मिली जानकारी

ओसामा ने खुफिया एजेंसी को बताया कि उन लोगों के 12 बैंक खाते यूपी में खोले गए थे। इसके अलावा कई खाते विदेशों में खोले गए हैं। इन खातों से एजेंटों को मदद की जाती थी। इन खातों में तीन-चार बार विदेशों से भी रकम आई है। इसके अलावा आयशा व अन्य के कुछ खाते थे जिनका ब्योरा आयशा की रखती थी। आईबी को पूछताछ में पता चला कि गिरोह के पांच सदस्यों के पिछले साल पासपोर्ट भी बने थे। इन आरोपितों ने पासपोर्ट बनवाने में कौन से दस्तावेज लगाए, इस बारे में आईबी पता कर रही है। ये पासपोर्ट राजस्थान व बिहार से बने बताए जा रहे है। इस बारे में और जानकारियां जुटाई जा रही है।

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