गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों का हंगामा, रोती-चिल्लाती निकलीं बाहर न लाइट, न पानी.. बाथरूम में कैमरा! सुरक्षा पर भड़कीं
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के जिला गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों ने बुधवार सुबह 8 बजे जोरदार हंगामा कर दिया, करीब 600 ट्रेनी महिला सिपाही रोती-चिल्लाती हुईं ट्रेनिंग सेंटर से बाहर आईं और ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। हंगामे की सूचना पर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के ट्रेनर और पुलिस के सीनियर अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और लगातार महिला सिपाहियों को समझाने में जुटे हुए है, लेकिन महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर की बदहाल व्यवस्थाओं पर सवाल उठाती रहीं।
दरअसल, गोरखपुर के बिछिया स्थित पीएसी कैंपस में महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग करायी जा रही है, जानकारी के मुताबिक सोमवार यानी 21 जुलाई से इनकी ट्रेनिंग शुरू हुई। वहीं दो दिन बाद ही महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर में सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर भड़क गईं। इतना ही नहीं एक ट्रेनी महिला सिपाही ने आरोप लगाया कि ट्रेनिंग सेंटर के बाथरूम के बाहर गैलरी और बाथरूम में कैमरे लगे हैं। बाथरूम आते जाते कैमरे में सब कैद हो रहा है। उसने बताया कि उनके वीडियो बन गए, क्या उनको वापस किया जाएगा? प्रदर्शन कर रहीं ट्रेनी महिला सिपाहियों का कहना है कि ट्रेनिंग सेंटर में 360 लड़कियों के रहने का इंतजाम है.. लेकिन यहां 600 महिला सिपाही रह रहीं हैं, इसके अलावा कैम्पस में पूरी रात बिजली नहीं थी।
जनरेटर की भी व्यवस्था नहीं है, ऐसे में रातभर सभी लड़कियों को जागकर बितानी पड़ी। वहीं सुबह उठने पर वॉशरूम में पानी नहीं आता है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि दिन भर में पीने को केवल आधा लीटर पानी मिलता है। बहुत ही कम क्षमता वाला RO लगा है, खाने का भी इंतजाम अच्छा नहीं है, उन्होंने आगे मांग की है। जब तक समस्या का हल नहीं हो जाता, तब तक वे ट्रेनिंग नहीं करेंगी। हालांकि मामले की सूचना पर पीएसी कमाडेंट आनंद कुमार और सीओ दीपांशी राठौड़ मौके पर पहुंची। इसके बाद सभी महिला सिपाही सेंटर के अंदर चली गई।
बता दें कि गोरखपुर पीटीसी में महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग सोमवार से शुरू हो गई है, ट्रेनिंग को लेकर उनका हेल्थ चेकअप होना था। इसी बीच, डीआईजी रोहन पी ने हेल्थ चेकअप के दौरान प्रेग्नेंसी जांच कराने का भी निर्देश जारी कर दिया, साथ ही CMO को पत्र लिखकर मेडिकल टीम बुलाई गई, वहीं प्रेग्नेंसी जांच के आदेश के बाद महिला सिपाही नाराज हो गईं। डीआईजी के इस आदेश के बाद पूरे कैंपस में हड़कंप मच गया। हालांकि मामले की जानकारी होते ही आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश ने डीआईजी का आदेश निरस्त कर दिया। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि किसी महिला सिपाही की प्रेग्नेंसी जांच नहीं कराई जाएगी। जो महिला सिपाही प्रेग्नेंट है वो शपथ पत्र दे दे। जिसे बैच से अलग कर दिया जायेगा।
दरअसल, पुलिस ट्रेनिंग के दौरान नियम है कि शादीशुदा महिला सिपाहियों की प्रेग्नेंसी जांच की जाती है। जबकि अनमैरिड लड़कियों को एक शपथ पत्र देना होता है कि वे प्रेग्नेंट नहीं हैं। जो प्रेग्नेंट होती हैं तो उन्हें ट्रेनिंग से अलग कर दिया जाता है। यानी, बाद के बैच में शिफ्ट कर दिया जाता है।
