लखीमपुर खीरी: कर्मचारियों ने तिकुनिया, धौरहरा रूट की बसों का संचालन किया ठप, यात्री परेशान

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Published By Monis Khan
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। लखीमपुर से तिकुनिया और धौरहरा मार्ग के निजी बसों के कर्मचारियों ने शुक्रवार को अपनी बसें तिकुनिया व धौरहरा बस अड्डे पर खड़ी कर दीं और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। मौके पर पहुंचे यात्री कर अधिकारी (पीटीओ) ने बस यूनियनों के पदाधिकारियों और कर्मचारियों से बातचीत की और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब कर्मचारी शांत हुए और दोपहर करीब एक बजे बसों का संचालन शुरू हो सका।
 
लखीमपुर शहर के मेला मैदान बस अड्डे से ढखेरवा होते हुए निघासन, तिकुनिया और सिसैया चौराहा के लिए निजी बसों का संचालन होता है। शुक्रवार की सुबह बस अड्डे पहुंचे चालक-परिचालकों ने अनिश्चितकॉलीन हड़ताल की घोषणा की और बसों को छोड़कर अपने घरों को चले गए। कर्मचारियों का कहना था कि ढखेरवा से तिकुनिया और सिसैया मार्ग पर तमाम डग्गामार टेंपो, ई-रिक्शा, मैजिक आदि वाहन संचालित होते हैं। इन वाहनों के संचालक बसों में बैठे यात्रियों को नीचे उतारकर अपने वाहनों में बैठा लेते हैं। 

चालक-परिचालक जब विरोध करते हैं तो उनके साथ गाली गलौज और मारपीट करते हैं। स्थानीय होने के कारण आरोपी चालकों के साथ आसपास के लोग भी खड़े हो जाते हैं। सवारियां न मिलने से बसों की आमदनी प्रभावित होती है। डीजल तक का खर्च नहीं निकल पाता है। डग्गामार वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तिकुनिया बेलरायां बस ऑपरेटर यूनियन, धौरहरा यूनियन समेत जिले के सात बस यूनियनों ने हफ्ते भर पहले डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और एआरटीओ को भी ज्ञापन सौंपा था। जिसमें वाहनों पर कार्रवाई न होने पर 28 जुलाई स चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी, लेकिन निर्धारित समय सीमा से दो दिन पहले ही बसों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। 

सुबह से बसों के न चलने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तमाम यात्री वाहनों के इंतजार में इधर-उधर भटकते रहे। बसों का संचालन बंद होने की जानकारी मिलने पर एआरटीओ शांति भूषण पांडेय ने पीटीओ को मौके पर भेजा। पीटीओ ने यूनियन के कार्यालय पहुंचकर पदाधिकारियों और चालक-परिचालकों से वार्ता की। उनकी समस्या सुनी और हफ्ते भर का समय मांगा। साथ ही डग्गामार वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। करीब आधे घंटे से अधिक समय तक चली वार्ता के बाद कर्मचारी मान गए और हड़ताल वापस लेकर दोपहर करीब एक बजे से बसों का संचालन शुरू कर दिया।

मालिक बोले, बसों को खड़ी कर चला गया स्टाफ
डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर की गई बस कर्मचारियों की हड़ताल से बस मालिकों और यूनियनों के पदाधिकारियों ने पल्ला झाड़ लिया। उनका कहना था कि उनके विरोध करने के बाद भी चालक-परिचालक नहीं माने और बसों का संचालन करने से इंकार कर दिया। बसों को अड्डे पर खड़ी कर अपने घरों को चले गए।

बस न चलने से यात्रियों को हुई समस्या 
डग्गामार वाहनों के खिलाफ बंद हुए बसों का संचालन बंद रहने से यात्री काफी परेशान रहे। आधे घंटे की यात्रा उनको टैंपो से तय करने में अधिक समय लगा। बसों के न आने से बस अड्डे पर यात्री काफी परेशान रहे और वह वाहनों की तलाश में भटकते रहे। हालांकि सिंगाही, बेलरायां और तिकुनिया जाने वाले यात्री तो ई-रिक्शा, टेंपो और मैजिकों से चले गए, लेकिन लखीमपुर, सीतापुर, लखनऊ आदि स्थानों पर जाने वाले यात्री काफी परेशान रहे। यात्री महेश, राजू, सुमन आदि ने बताया कि लखीमपुर जाने के लिए पहले टैंपो से तिकुनिया से निघासन आना पड़ा। उसके बाद उनको पलिया वाली बस निघासन से मिली। फिर उससे जाना पड़ा। इससे समय बहुत खराब हुआ और  पैसा भी अधिक लगा।

बस ऑपरेटर यूनियन लखीमपुर खीरी के जिलाध्यक्ष मनमीत सिंह राना ने बताया कि पीटीओ कौशलेंद्र सिंह ने आकर वार्ता की थी। वार्ता काफी सफल रही है। उन्होंने एक हफ्ते का समय मांगा है, जिस पर कर्मचारी बसों का संचालन करने के लिए तैयार हो गए हैं। दोपहर बाद बसों का संचालन शुरू हो गया है। 

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