UP Teachers Transfer: दिव्यांग और गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों को मिलेगी प्राथमिकता, होगा ट्रांसफर... शासन ने जारी किए निर्देश
लखनऊ, अमृत विचारः उत्तर प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में ट्रांसफर के दौरान दिव्यांग, गंभीर रोगों से पीड़ित, कैंसर प्रभावित और दो वर्ष से कम सेवा अवधि वाले शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। शासन ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
विभाग ने मई में एलटी और प्रवक्ता ग्रेड के शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नत किया था, लेकिन केवल 30 प्रतिशत शिक्षकों ने ही नई तैनाती जॉइन की। अधिकांश शिक्षक अपने नजदीकी विद्यालयों में तैनाती चाहते थे। कई शिक्षकों ने पारिवारिक और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए स्थानांतरण में बदलाव के लिए आवेदन किया था।
शासन के निर्देशों के अनुसार, दिव्यांग, गंभीर बीमारी से पीड़ित, कैंसर प्रभावित शिक्षकों या उनके आश्रितों को उनके पसंदीदा स्थान पर तैनाती दी जाएगी। यदि वहां रिक्त पद न हो, तो वरिष्ठता के आधार पर नजदीकी विद्यालय में स्थानांतरण किया जाएगा। साथ ही, जिन शिक्षकों की सेवा अवधि दो वर्ष से कम है, उन्हें उनकी पसंद के रिक्त पद या नजदीकी विद्यालय में तैनात किया जाएगा। विशेष सचिव ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया है कि प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों की पसंद के अनुसार तैनाती सुनिश्चित की जाए। इससे प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी आसान होगी।
विभाग में अनियमितता: जॉइनिंग के बाद स्थानांतरण पर सवाल
विशेष सचिव ने अपने पत्र में इस बात पर नाराजगी जताई है कि निदेशालय द्वारा शासन को भेजी गई तैनाती सूची के बाद कुछ शिक्षकों को जॉइनिंग के बाद स्थानांतरण कैसे कर दिया गया? उन्होंने इस अनियमितता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी मांगी है। इस मामले ने विभाग में हड़कंप मचा दिया है। माना जा रहा है कि शासन इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई भी कर सकता है।
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