मुरादाबाद: मंडी समिति में जेसीबी ने अतिक्रमण किया ध्वस्त...डीएम के निर्देश पर कार्रवाई

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Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। सोमवार को मंडी सचिव के कक्ष में घुसकर उनकी पिटाई करने वालों की हेकड़ी निकालने का स्पष्ट संदेश देते हुए मंगलवार को मंडी समिति में प्रशासन की जेसीबी कई घंटे गरजी। मंडी समिति में अतिक्रमण को जमींदोज करने के साथ ही प्रशासन ने साफ कर दिया कि अतिक्रमण करने वालों और इसके संरक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह जो कोई भी हो।

सोमवार को मंडी सचिव संजीव कुमार के कार्यालय कक्ष में घुसकर 20-25 अराजक तत्वों, जिसमें एक व्यक्ति खुद को विधायक बता रहा था ने मंडी सचिव के साथ मारपीट कर कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की थी। कार्यालय में अराजक तत्वों ने कानून का माखौल उड़ाया था। मंडी सचिव ने जिलाधिकारी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर बताया था कि उनके साथ मारपीट करने वालों से एक व्यक्ति ने खुद को विधायक बताया था। इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम सिटी, एसपी सिटी ने मंडी में जाकर जांच की थी। सचिव का चिकित्सीय परीक्षण भी जिला अस्पताल में कराया गया था।

मंगलवार को दूसरे दिन प्रशासन ने अपने कड़े तेवर दिखाए। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी नगर ज्योति सिंह, एसडीएम सदर डॉ. राममोहन मीना, एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह व अन्य कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचे और कई घंटे अभियान चलाकर अतिक्रमण को जमींदोज कर दिया। इसके माध्यम से प्रशासनिक अमले ने अतिक्रमण करने वाले और उनकी रहनुमाई करने वालों को दो टूक संदेश दिया कि प्रशासन डरने या झुकने वाला नहीं है। अतिक्रमण और अवैध निर्माण को किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

प्रशासन की कार्रवाई से मंडी में अवैध निर्माण व अतिक्रमण करने वालों के साथ ही आढ़ती सहमे रहे। अतिक्रमण टूटने के बाद सामान समेटने में लगे थे। अतिक्रमण की जद में आने वाले आढ़तियों की दुकानों के शेड आदि जेसीबी से प्रशासनिक अधिकारियों की टीम गिरा दिया।

आढ़तियों के राजनीतिक गठजोड़ से मंडी समिति बनता है अखाड़ा
मंडी सचिव के कक्ष में घुसकर मारपीट करने वालों में सत्ता से जुड़े विधायक के संदेह के घेरे में आने के बाद अधिकारी संभल कर कदम बढ़ा रहे हैं। मंगलवार को अतिक्रमण ध्वस्त कराने के साथ ही संदेश भी दे दिया और सीधे किसी का नाम लेने से भी अधिकारी बचते रहे। मंडी सचिव मंगलवार को अपने कार्यालय में नहीं आए। वह सोमवार को अपने साथ हुई कार्रवाई से स्तब्ध हैं और ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। सोमवार की घटना के बाद मंगलवार को भी मंडी परिसर छावनी में तब्दील रहा। स्थानीय पुलिस के अलावा बाहर के थानों की फोर्स भी मंडी में तैनात कर दी गई है। अधिकारी खुद मामले की निगरानी कर रहे हैं। मंडी परिसर और मंडी सचिव के कार्यालय में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हर आने जाने वाले पर नजर रखी जा रही है।

मंडी समिति में दुकान आवंटन कराने वाले आढ़तियों का राजनीतिक गठजोड़ नया नहीं है। यह काफी अरसे से सांठगांठ कर रहते हैं। आढ़तियों ने पुराने आवंटन से बढ़कर नये निर्माण भी कराया है। जिसमें अवैध निर्माण और अतिक्रमण कर सरकारी जमीन को कब्जा किया गया है। राजनीतिक संरक्षण का लाभ लेकर आढ़ती मनमाने तरीके से कारोबार कर मंडी के नियमों को ठेंगा दिखाते हैं। मंडी की सभापति सिटी मजिस्ट्रेट के साथ मंडी की तत्कालीन सचिव महादेवी द्वारा जब कार्रवाई की गई तो नगर विधायक अपने समर्थकों के साथ खुद धरने पर बैठ गए थे। यहां तक की अधिकारियों को अंजाम भुगतने की चेतावनी भी धरने पर बैठने वालों ने दी थी।

लेकिन वही हुआ कि जब वर्तमान मंडी सचिव के कार्यालय कक्ष में उनकी 25 से अधिक अराजक तत्वों ने घुसकर तोड़फोड़ करने के साथ ही मंडी सचिव के साथ मारपीट कर उनको दहशत में डाल दिया, जान माल की धमकी भी दी। इस घटना से मंडी सचिव के साथ उनके कार्यालय के कर्मचारी भी सहमे हैं। सभी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

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