चोरों का सूरज, जो चुराता था रोशनी : सोलर पैनल चुराने वाले गिरोह का खुलासा, जो अंधेरे में बेचते थे उजाले का सामान!

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : गांवों में उजाला लाने वाला सरकारी मिशन, कैसे एक संगठित गिरोह की रातों का शिकार बन गया। यह कहानी सिर्फ चोरी की नहीं है, यह रौशनी को अंधेरे में बदल देने वाली साजिश की असली पटकथा है। प्रयागराज के गंगानगर जोन की सोरांव थाना पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम ने मिलकर एक ऐसे शातिर गैंग को दबोचा है, जो जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए सोलर पैनलों को चुराकर सिर्फ 6,500 रुपए में बेच देता था, वो भी ऐसे जैसे कोई पुराना रेडियो हो!

 दिन में भोलापन, रात में चोरी!
गैंग के सदस्य दिन में गांव-गांव घूमते, सोलर पैनलों की लोकेशन और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान से परखते। फिर रात होते ही निकलती थी एक पिकअप वैन- साथ में आते थे संगम लाल, दिनेश सरोज, यशवंत उर्फ गोरेलाल पटेल, और अमन सिंह। ये कोई साधारण नाम नहीं, बल्कि अंधेरे में उजाला चुराने वाले 'लाइट लुटेरे' थे!

34 हजार का माल, सिर्फ 6500 में!
एक सोलर पैनल की असल कीमत थी 34000 हजार रुपये की है, लेकिन यह गिरोह उसे बेचता था मात्र 6500 हजार में!.. सवाल यह नहीं कि कोई इतना सस्ता क्यों बेचता है सवाल यह है कि इतने सस्ते में 'चोरी' भी कोई करता है क्या? जवाब साफ है, जब चोरी का धंधा 'मुनाफा' नहीं 'आदत' बन जाए, तो नैतिकता खुद-ब-खुद अंधेरे में चली जाती है। डीसीपी गंगानगर जोन कुलदीप सिंह गुनावत ने प्रेस वार्ता में बताया कि अब तक 18 सोलर पैनल बरामद किए गए हैं, जिनकी कुल कीमत 4 लाख रुपये आंकी गई है, लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है, गिरोह ने खुद माना है कि 10 से अधिक वारदातें कर चुके हैं। कुछ मामलों में अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट तक की तलवार लटक रही है। पुलिस की टीमें अब भी गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश में दबिश दे रही हैं, "अंधेरे में जो उजाला चुराते हैं, वो खुद कभी उजाले में चैन से नहीं रह सकते..."

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