कानपुर: विद्यालयों में जर्जर कक्षों में बच्चों को बिठाया तो सख्त कार्रवाई, डीएम ने दिए निर्देश

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Published By Deepak Mishra
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जर्जर कक्षों को निष्प्रयोज्य कर 'X' के लाल निशान के साथ बैरिकेटिंग करें

कानपुर, अमृत विचार। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रबन्धकों एवं प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया है कि वे विद्यालय भवनों का गहन निरीक्षण करें। जर्जर कक्षों को चिन्हित कर उन्हें निष्प्रयोज्य घोषित करते हुए 'X' के लाल निशान के साथ बैरिकेटिंग कर बंद कर दिया जाए। किसी विद्यालय में लापरवाही के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सम्बन्धित संस्था प्रमुख की व्यक्तिगत रूप से होगी।

जिलाधिकारी ने कहा है कि विद्यालय परिसर, शौचालय एवं रसोईघर की नियमित सफाई, भोजन तैयार करने के स्थान का कीड़े-मकोड़ों और जालों से मुक्त होना, तथा बच्चों को स्वच्छता के साथ भोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। खाद्य सामग्री एयर-टाइट डिब्बों में सुरक्षित रखी जाए और केवल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा प्रमाणित सामग्री का उपयोग किया जाए।

इसके अतिरिक्त, विद्यालयों में अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता, स्टाफ को उनके संचालन का प्रशिक्षण, फर्स्ट एड बॉक्स में मान्य दवाओं की उपलब्धता तथा किसी भी आपात स्थिति में सम्बन्धित अधिकारियों और निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्र को तत्काल सूचना देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। यदि इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई गई, तो दोषी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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