गर्भवती पत्नी की निर्मम हत्या करने बाद पति बोला "मैंने उसे मार डाला... लाश ले जाओ!"...
अमृत विचार, मेरठ : जिले के उस गांव की शांत गलियों में उस सुबह कोई विशेष हलचल नहीं थी। अम्हेड़ा में सब कुछ रोज की तरह चल रहा था, लेकिन उसी सुबह एक ऐसा मंजर सामने आया, जिसने रिश्तों की नींव, भरोसे की हर दीवार और पति-पत्नी के रिश्ते की मर्यादा को तार-तार कर दिया।
पुलिस कंट्रोल पर पर दी सूचना : पुलिस कंट्रोल रूम पर एक शख्स ने सम्पर्क किया और सिर्फ इतना ही कहा कि “मैंने पत्नी को मार डाला है… आकर शव ले जाओ।”...यह कोई फिल्मी डायलॉग नहीं था, बल्कि ऐसी हकीकत जिसे सुनकर पुलिसकर्मी भी हैरत में पड़ गए। रविशंकर नाम के इस शख्स ने अपनी सात माह की गर्भवती पत्नी सपना की बेरहमी से हत्या कर दी थी।
"जब तक उसने दम नहीं तोड़ा, मैं वार करता रहा!" : शनिवार की सुबह, सपना (26) को उसके पति रविशंकर ने बुलाया। वे मकान की पहली मंजिल पर गए। किसी को क्या पता था कि कुछ ही मिनटों में वह पत्नी, जो मां बनने वाली थी, फर्श पर खून से लथपथ लाश बनकर पड़ी होगी। रविशंकर ने कोई एक वार नहीं किया। उसने चाकू और ब्लेड से तब तक हमला किया, जब तक सपना ने दम नहीं तोड़ दिया। कमरे की दीवारें, फर्श, तकिए, दरवाज़े – सब पर खून के छींटे थे। रविशंकर के कपड़े भी खून में सने थे। लेकिन उसके चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था।
हत्या के बाद भागा नहीं, बैठा रहा लाश के पास : हत्या के बाद आम अपराधी भाग जाते हैं, सबूत मिटाने की कोशिश करते हैं, लेकिन रविशंकर वहीं बैठा रहा लाश के पास, कमरे में। 15 मिनट तक उसने दरवाजा नहीं खोला। फिर पुलिस दरवाजा पीटती रही फिर दरवाजा खुला, और एक शांत चेहरा सामने था, लेकिन उसके पीछे एक मरा हुआ रिश्ता और एक मरा हुआ इंसान।
“सपना कभी कुछ नहीं कहती थी :”सपना की बहन ममता, जो अब टूट चुकी हैं, बस यही दोहरा रही हैं कि “सपना कभी कुछ नहीं कहती थी... कभी कोई शिकवा नहीं... हम कैसे समझते कि सब कुछ इतना जल्दी खत्म हो जाएगा।” शादी के कुछ ही समय बाद सपना गर्भवती हुई। उसकी बहन के घर आना-जाना बना रहता था, लेकिन किसी ने कभी सोचा नहीं कि उसके जीवन का सबसे खूबसूरत दौर इतना खौफनाक अंत लेकर आएगा।
मनोविकार, अविश्वास या पागलपन? : पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि रविशंकर की मानसिक स्थिति कैसी थी। क्या कोई पारिवारिक झगड़ा था? या फिर कोई अंदरुनी कलह, जिसकी भनक भी बाहर नहीं लगी? या फिर, यह कोई पूर्व नियोजित हत्या थी? हत्या का तरीका, और आरोपी का खुद पुलिस को कॉल कर सबकुछ कबूलना बहुत कुछ कह रहा है, लेकिन जवाब अभी अधूरे हैं।
गर्भवती होने के बावजूद नहीं छोड़ी हैवानियत : जिस पत्नी के पेट में उसका बच्चा था, उसी पर चाकू और ब्लेड से हमला करने के लिए कैसा दिल चाहिए? या शायद, दिल नाम की कोई चीज़ बची ही नहीं थी उस आदमी में। पुलिस पूछताछ में जुटी है। हत्या के पीछे का मकसद अब तक स्पष्ट नहीं है। गांव में मातम पसरा है। वहीं,ममता बार-बार बेहोश हो रही हैं। हर कोई बस यही पूछ रहा है किसने इतना गुस्सा भर दिया था उस इंसान में कि वह एक जीवन के साथ दो-दो जिंदगियाँ खत्म कर बैठा?"
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