KGMU : इस दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थे 9 मरीज, हुई सफल सर्जरी
अचलसिया कार्डिया से ग्रसित नौ मरीजों की हुई सर्जरी
लखनऊ, अमृत विचार । किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की तरफ से अचलसिया कार्डिया बीमारी व इलाज पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें नौ मरीजों की प्री ओरल एंडोस्कोपी मायोटॉमी तकनीक से बिना चीरा लगाए सर्जरी की गई।
मुख्य वक्ता हैदराबाद एआईजी इंटरवेंशनल एंडोस्कोपी के निदेशक डॉ. मोहन रामचंदानी ने बताया अचलसिया कार्डिया में भोजन को पेट तक पहुंचाने वाली प्रक्रिया बाधित हो जाती है। केजीएमयू गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा ने बताया कि इस बीमारी के इलाज में प्री ओरल एंडोस्कोपी मायोटॉमी तकनीक कारगर है। इस अत्याधुनिक तकनीक में बाहरी चीरे की आवश्यकता नहीं होती। मुंह के रास्ते एंडोस्कोप को खाने की नली में डालकर सूक्ष्म चीरा देकर मांसपेशियों को सटीक रूप से अलग किया जाता है। मांसपेसियों पर बना तनाव कम होने से मरीज को सामान्य रूप से भोजन निगलने में मदद मिलती है। इस सर्जरी से मरीज को एक दो दिन में राहत मिल जाती है। दिल्ली एम्स से डॉ. दीपक गुंजन ने कहा कि यह बीमारी एक लाख में एक को होती है। डॉ. अनन्य गुप्ता, डॉ. मयंक राजपुर, डॉ. प्रीतम दास, डॉ. सयान मलाकार, डॉ. श्रीकांत कोथालकर एवं डीएम कोर्स के छात्र रहे।
अचलसिया कार्डिया के प्रमुख लक्षण
डॉ. सुमित रूंगटा ने बताया कि भोजन निगलने में कठिनाई, सीने में भारीपन, छाती में दर्द और रात में भोजन का वापस गले में आना जैसी समस्या है। इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से मरीज के शरीर के वजन में गिरावट होने लगती है। समय पर इलाज से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
यह भी पढ़ेंः 'ChatGPT' बना रहा छात्रों को मानसिक ग्रसित..., मनोचिकित्सकों ने जताई चिंता
