भाजपा जाए तो चैन आए! अखिलेश यादव का योगी सरकार पर तीखा प्रहार... बाढ़ की स्थिति को लेकर कह दी ये बड़ी बात

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सरकार को "भ्रष्ट और अक्षम" करार देते हुए आरोप लगाया कि यह जनता की भलाई के बजाय केवल "इवेंट मैनेजमेंट" पर ध्यान दे रही है। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक विस्तृत पोस्ट में यादव ने कहा, "जब भाजपा सरकार बड़े-बड़े नेताओं की रैलियों और सभाओं का आयोजन कर सकती है, तो बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य क्यों नहीं कर रही? यह सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।" 

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रविवार तक प्रदेश की 37 तहसीलों के 402 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 84,392 लोग प्रभावित हुए हैं। कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर समेत 17 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। 

यादव ने कहा, "न केवल प्रयागराज, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। खाने-पीने की चीजों की भारी कमी है। शौचालयों की अनुपलब्धता के कारण लोग अमानवीय परिस्थितियों में जीने को मजबूर हैं।" उन्होंने दावा किया कि स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हैं, जिसके चलते बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को इलाज और दवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

उन्होंने आगे कहा, "लोग चूहों और जहरीले जीव-जंतुओं के डर से रातों को सो नहीं पा रहे। बिजली की कमी और करंट का खतरा अलग से है। ऊपरी मंजिलों पर रहने को मजबूर लोगों को घर ढहने का डर सता रहा है। लोगों के घरेलू सामान पानी में डूब गए हैं, कपड़े भीग गए हैं, और मोबाइल चार्ज न होने से आपस में संपर्क टूट गया है।" 

सपा नेता ने जलजनित बीमारियों के खतरे पर चिंता जताते हुए कहा, "बाढ़ न केवल गंदगी और दुर्गंध लाती है, बल्कि बीमारियां और महामारी भी फैलाती है। दिहाड़ी मजदूर काम पर नहीं जा पा रहे, जिससे उनकी आजीविका संकट में है।" 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कमजोर वर्गों की दुर्दशा पर जोर देते हुए कहा कि गरीब और मजदूर भुखमरी के कगार पर हैं। उन्होंने कहा, "किसानों की फसलें और जमीनें पानी में डूब गई हैं। दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है। लोगों के महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, बैंक पासबुक, शैक्षिक प्रमाणपत्र और अन्य कागजात या तो भीगकर नष्ट हो गए हैं या बह गए हैं। वाहन भी पानी में डूब गए हैं।" 

यादव ने बच्चों की पढ़ाई में रुकावट और मृतकों के अंतिम संस्कार न हो पाने की समस्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है, और मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिल रही।" 

सोमवार सुबह वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 71.262 मीटर को पार कर 72.1 मीटर तक पहुंच गया, जिससे घाट डूब गए और दाह संस्कार व धार्मिक अनुष्ठानों को छतों या ऊंचे स्थानों पर करना पड़ा। 

यादव ने कहा, "नदी किनारे और नावों पर जीवनयापन करने वाले लोगों की आजीविका संकट में है, लेकिन भाजपा सरकार या उनके सहयोगी दलों में कोई उनकी समस्याएं सुनने वाला नहीं है।" उन्होंने प्रशासन पर अनुपस्थित रहने और सरकार पर "आत्मप्रचार में व्यस्त" रहने का आरोप लगाया। 

सपा अध्यक्ष ने मांग की कि सरकार बाढ़ से संबंधित सभी मुद्दों पर विस्तृत जवाब दे। उन्होंने कहा, "जनता भय और अनिश्चितता में कब तक जीने को मजबूर रहेगी? विकास और स्मार्ट सिटी के दावों के बीच विनाश की तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं। भाजपा जाए तो राहत मिले! बाढ़ प्रभावित लोग कह रहे हैं, 'हमें ऐसी सरकार नहीं चाहिए!'"

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