"ऑपरेशन महाकाल" से कांपे भूमाफिया और भ्रष्ट अफसर
भूमि कब्जा, वसूली व भ्रष्टाचार पर कमिश्नरेट पुलिस की सख्ती- शिकायतों के आधार पर होगी कड़ी कार्रवाई
कानपुर , अमृत विचार : जमीनों पर कब्जा, घूस और वसूलीबाजों पर अब पुलिस के ऑपरेशन महाकाल की सीधी निगरानी होगी। कमिश्नरेट पुलिस ने भूमाफिया, वसूलीबाजों और भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ यह ऑपरेशन शुरू किया है। पहले फेज में आम शिकायत पर भूमाफिया, वसूलीबाजों और गलत संलिप्तता पर सरकारी कर्मचारियों की पहचान की जाएगी। इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है। पहला फेज पांच अगस्त से पांच सितंबर तक चलेगा। दूसरा फेज 10 सितंबर से शुरू होगा। इसके तहत कार्रवाई शुरू होगी। जिसमें रिपोर्ट दर्ज करना, अवैध संपत्ति की जब्ती और सतर्कता जांच होगी।
ऑपरेशन महाकाल में भूमाफिया श्रेणी के उन्हीं लोगों पर कार्रवाई होगी, जिनके खिलाफ दो या उससे अधिक प्रार्थना पत्र अलग-अलग लोग देंगे। जबकि वसूलीबाज के खिलाफ कार्रवाई के लिए दो प्रार्थना पत्र मिलना जरूरी होगा। व्यक्तिगत मामले इस ऑपरेशन में शामिल नहीं होंगे। उसे व्यक्तिगत रूप से संबंधित जोन के डीसीपी को दिया जा सकता है। शिकायत करने वाले का नाम, नंबर गोपनीय होगा। एडीसीपी सेंट्रल राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि शिकायत के लिए निर्धारित व्हाट्सएप नंबर 9454400688 पर कॉल न करें। सिर्फ मैसेज भेजें, ओके लिखकर आएगा।
हर जोन में समीक्षा समिति बनेगी : थाना प्रभारी, सर्किल के सीओ से मिली लिस्ट की समीक्षा के लिए हर जोन में समीक्षा समिति बनाई जाएगी। समिति के अध्यक्ष संबंधित जोन के एडीसीपी और मेंबर जोन के एसीपी होंगे। थाना प्रभारी एसीपी की समीक्षा के बाद लिस्ट बनाकर दस दिन में समिति को देंगे।
क्यों पड़ी ऑपरेशन मकाकाल की जरूरत : एक साल में आम शिकायतों की समीक्षा के बाद मिला कि जनता, जमीन कब्जाने वाले, वसूलीबाज गैंग और उनका सहयोग करने वालों से बेहद परेशान है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जनता की शिकायतों के आधार पर ऑपरेशन महाकाल शुरू किया गया है। इससे भूमाफिया और भ्रष्टाचार का नेटवर्क ध्वस्त होगा।
शिकायत पर इन बिंदुओं पर होगी जांच
- पांच साल में थाना स्तर पर प्राप्त आईजीआरएस प्रार्थना पत्र
- थाना का भूमि विवाद और थाना दिवस रजिस्टर।
- ऐसे व्यक्ति जिनके खिलाफ जमीन कब्जाने की रिपोर्ट हो आदि
इस तरह बनेगी लिस्ट
- पांच साल में दर्ज मामलों की समीक्षा की जाएगी
- भूमाफिया पोर्टल पर मौजूद लिस्ट की समीक्षा होगी।
- राजस्व, पुलिस, नगर निगम, केडीए से ली जाएगी जानकारी
- एसीपी लिस्ट बनाकर 15 अगस्त तक एडीसीपी को देंगे
- एलआईयू थाना स्तर पर अपनी गोपनीय सूचना देगी
