सोनभद्र में विकसित होगा धार्मिक पर्यटन और कैम्पिंग सर्किट, समाज कल्याण और वन विभाग की बनी सहमति
लखनऊ, अमृत विचार : सोनभद्र में धार्मिक, पर्यटन और कैम्पिंग सर्किट विकसित होगा। सोनभद्र, चंदौली व मीरजापुर में वनाधिकार प्रमाण पत्र के प्रकरण निस्तारित किये जाएंगे। इसके लिए निदेशक जनजातीय व वन विभाग की संयुक्त टीम मौके पर जाकर अभिलेखों की जांच करेंगी।
गुरुवार को भागीदारी भवन में हुई समाज कल्याण व वन विभाग के राज्यमंत्रियों की साझा समीक्षा बैठक में इस पर सहमति बनी। चर्चा के दौरान बताया गया कि सोनभद्र को विकसित किये जाने से न सिर्फ स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा बल्कि विभिन्न तरह के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
बैठक के बाद समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सोनभद्र, चंदौली और मीरजापुर जिलों में वनाधिकार प्रमाण पत्रों के प्रकरणों में एकरूपता जांचने के लिए निदेशक जनजातीय विभाग और वन विभाग से प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) की संयुक्त टीम मौके पर जाएगी। टीम मौके पर प्रवास कर कागजात की जांच पड़ताल करेगी। बैठक में वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना और समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड उपस्थित रहे।
वन क्षेत्र में तलाशी जाएंगी संभावनाएं
टीम इस पर जोर देगी कि वन की भूमि को कुछ शर्तों के साथ उपयोग कैसे किया जा सकता है। इसे कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। टीम यह भी संभावना तलाशेगी कि वन क्षेत्र का ऐसा उपयोग ‘फाॅरेस्ट कवर’ बढ़ने के साथ ही, वन का उपयोग बढ़ाये जाने व स्थानीय लोगों की आय में बढ़ोतरी पर जोर देगी। इस सम्बन्ध में एक ऑनलाइन इवेंट आयोजित होगा, जिसमें दूसरे राज्यों के सफल प्रयोगों को शामिल किया जाएगा।
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