पीलीभीत: खाद की कालाबाजारी करने वाले दो थोक विक्रेताओं का लाइसेंस निलंबित

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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पीलीभीत, अमृत विचार। खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों को अभी भी पूरी तरह से राहत नहीं मिल सकी है। इधर, लगातार मिल रही शिकायतों के बाद प्रशासन एक्शन में आया है। शहर के शंकर खाद भंडार और बीसलपुर की ज्वाला सरन जगदीश सरन फर्म के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। इन दोनों थोक विक्रेताओं पर दुकानदारों से ओवर रेटिंग और टैगिंग के संगीन आरोप थे। इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा रहा। एक सप्ताह में संतोषजनक जवाब न मिलने पर एफआईआर की चेतावनी भी दी गई है।

पिछले काफी समय से यूरिया को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। जिम्मेदार यूरिया का पर्याप्त मात्रा होने का दावे कर रहे है। किसानों के साथ ही रिटेलरों से थोक विक्रेताओं ने कालाबाजारी शुरू कर दी। आरोप है कि एजेंट मनमानी सौदेबाजी के बाद ही दुकानदारों को यूरिया की आपूर्ति कर रहे थे। यूरिया के साथ अन्य  सामानों की टैगिंग में आनाकानी पर यूरिया नहीं दी जा रही। दुकानदारों की शिकायत के बाद जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल ने दो उर्वरक विक्रेताओं पर कार्रवाई की गई है। मझोला की ज्योति फर्टिलाइजर्स के संचालक रामऔतार अग्रवाल ने 21 जुलाई को डीएम से शिकायत की थी। जिसमें बीसलपुर की ज्वाला सरन जगदीश सरन फर्म पर गंभीर आरोप लगाए थे। 

संचालक ने 24 जून को फर्म मालिक अपूर्व अग्रवाल से यूरिया की मांग की। आरोप है कि अपूर्व अग्रवाल ने यूरिया 260 रुपये में देने की बात कही, लेकिन इसके साथ 55 हजार रुपये का अन्य माल (जिंक, जाइम आदि) खरीदने का दबाव बनाया। यह सामान बाजार दर से दोगुना दाम पर देने की बात कही गई। मझोला तक भाड़ा जोड़ने के बाद यूरिया करीब 280 रुपये प्रति बोरी पड़ती। जबकि शासन द्वारा निर्धारित अधिकतम दर 266 रुपये लोडिंग सहित 270 रुपये है। आपत्ति करने पर यूरिया देने से मना कर दिया था। जबकि फर्म के पास यूरिया उपलब्ध थी। 

आरोप लगाया था कि स्टाक की गई यूरिया को ब्लैक मार्केट रेट पर, टैगिंग के साथ, अन्य रिटेलरों को बेचा गया। इसी के चलते किसानों को खाद की भारी किल्लत झेलनी पड़ी। शिकायतकर्ता ने फर्म के खिलाफ कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज करने और लाइसेंस रद्द करने की मांग की थी। साक्ष्य के तौर पर कॉल रिकॉर्डिंग भी मुहैया कराई गई थी। इसी तरह से पीलीभीत के मैसर्स शंकर खाद भंडार की शिकायत पहुंची। इसमें भी ओवर रेटिंग और टैगिंग के आरोप लगाए गए। 

फुटकर विक्रेताओं को यूरिया और डीएपी के निर्धारित मूल्य से 20 से 25 रुपये ओवर रेटिंग की जा रही थी। विरोध पर उर्वरक देने से मना किया जा रहा था। इन दोनों मामलों का संज्ञान लेते हुए एक्शन लिया गया। जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बीसलपुर की मैसर्स ज्वाला सरन जगदीश सरन (थोक उर्वरक विक्रेता) और पीलीभीत के मैसर्स शंकर खाद भंडार का लाइसेंस निलंबित कर दिया। स्पष्टीकरण तलब कर एक सप्ताह के अंदर साक्ष्य प्रस्तुत न करने पर एफआईआर की चेतावनी दी गई है। कार्रवाई से उर्वरक के थोक विक्रेताओं में खलबली मची हुई है।

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