हरदोई : पति ने चारपाई पर सो रही पत्नी की गला रेतकर की हत्या

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Published By Virendra Pandey
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हरदोई, अमृत विचार। शक करने वाले पति ने कमरें में चारपाई पर सो रही पत्नी की गला रेत कर हत्या कर दी। बेहटा गोकुल गांव की पुरानी बाज़ार में इस सनसनीखेज़ वारदात को अंजाम देने वाला हत्यारा पति अंधेरे में ही भाग गया,लेकिन भोर पहर पूरे इलाके में कोहराम बरपा हो गया। इस घटना की जानकारी होते ही पुलिस और वहां पहुंची फोरेंसिक टीम जांच-पड़ताल में जुट गई है। सीओ हरपालपुर सत्येंद्र सिंह का कहना है कि हत्यारोपी पति को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमों को तैनात किया गया है।

बताया गया है कि बेहटा गोकुल थाने के उसी गांव में पुरानी बाज़ार में रहने वाला रीत कुमार उर्फ रामचन्द्र पुत्र राजेंद्र पेशे से मज़दूर है। रविवार की शाम को वह घर लौटा तो उसके सामने खड़ी उसकी 42 वर्षीय पत्नी रीता पूरी तरह से तैयार थी,पूछने पर रीता ने बताया कि वह गांव के कालसेन मंदिर दर्शन करने जा रही है। लेकिन पत्नी की तैयारी देख कर उसके पति का माथा ठनका और उसने मना कर दिया,पति के मना करने पर रीता का पारा चढ़ गया और उसका पति से झगड़ा होने लगा,उसी बीच रीता ने यूपी-112 पर काल करते हुए पुलिस बुला ली,पुलिस के पहुंचती,लेकिन उससे पहले पति रीत कुमार उर्फ रामचन्द्र भाग निकला। रात में घर के सारे लोग खाना खाने के बाद अपने-अपने ठिकाने पर सो गए,रीता कमरें में पड़ी चारपाई पर सो रही थी। देर रात करीब एक बजे पति रीत कुमार उर्फ रामचन्द्र दबे पांव पत्नी के पास पहुंचा और किसी धारदार हथियार से गला रेत कर उसकी हत्या कर दी, बाद अंधेरे में निकल भागा। भोर पहर नींद से उठे उसके बच्चे कमरें में गए और वहां का मंज़र देख कर चिल्लाते हुए बाहर भागे। शोर सुन कर पड़ोसी दौड़ पड़े। हत्या होने की खबर सुनते ही पुलिस और फोरेंसिक टीम वहां पहुंची। पुलिस ने बेटी रंजना की तहरीर पर शव को अपने कब्ज़े में लेते हुए छानबीन शुरु कर दी है। 

इधर पुलिस और उधर हो गई हत्या!

हत्यारोपी रीत कुमार उर्फ रामचन्द्र का मकान और बेहटा गोकुल थाने के बीच करीब दो सौ मीटर का फासला है,लेकिन अगर रास्ते की बात करें तो पुरानी बाज़ार के लिए घूम कर जाने वाला रास्ता थाने के पीछे से हो कर जाता है,यानी इधर गहरी नींद में सो रही रीता का उसका पति गला रेत रहा था और उधर बेहटा गोकुल कानून व्यवस्था की निगरानी करती रही। हत्या जैसी वारदात का कहीं टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों वाले गांव में नहीं बल्कि थाने के बगल में होना पुलिस की चौकसी पर सीधे सवाल खड़े कर रहा है।

मां बोली,उसके पहुंचने से पहले शव उठा ले गई पुलिस ?

रीता का मायका टड़ियावां थाने के खाड़ाखेड़ा गांव में बताया गया है। बेटी की हत्या होने की खबर सुनते ही उसकी बुज़ुर्ग मां श्यामा कुमारी जब तक अपने दामाद और बहू के साथ पहुंचती,लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने पंचनामा करते हुए शव को अपने कब्ज़े में ले कर उसे पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा दिया। बेटी के सूने पड़े घर के बाहर बैठी बुज़ुर्ग श्यामा कुमारी रोते हुए बार-बार कह रही थी कि उसकी राह भी नहीं देखी गई और पुलिस उसकी बेटी के शव को उठा ले गई। साथ ही रीता की मां के साथ वहां पहुंची उसके बहनोई और भाभी को भी इस बात का मलाल था कि कम से कम कुछ देर मायके वालों का इंतज़ार कर लिया जाता तो कौन सा पहाड़ गिर पड़ता। हालांकि पुलिस का कहना है कि कुछ गलत नहीं हुआ,बल्कि कानून व्यवस्था के तहत ही ऐसा किया गया।

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