बदायूं: जटा और प्रेमी नगला को निगल रही गंगा की धार, उसहैत में स्टीमर का सहारा
बदायूं, अमृत विचार। बारिश और बाढ़ का दंश झेल रहे उसहैत क्षेत्र में गंगा अब सड़कों पर बहने लगी है। इससे सड़कों पर आवागमन बंद हो गया है। गांव के लोग स्टीमर की मदद से बाहर निकल पा रहे हैं। बाढ़ ने करीब दो लाख की आबादी को प्रभावित किया है। जिला प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
पहाड़ों से आ रहे पानी के चलते नरौरा बैराज में पानी का दबाव और बढ़ गया है। इससे लाखों क्यूसेक पानी गंगा में डिस्चार्ज किया गया है। हालांकि सोमवार को पांचवें दिन पानी कम छोड़ा गया। सोमवार को एक लाख 85 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया। गंगा का विकराल रूप लोगों को डरा रहा है। जटा गांव की सड़क पर गंगा का पानी पहुंच चुका है। इस सड़क पर आवागमन बंद कर दिया गया है। जटा के निकट गांव प्रेमी नगला में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे लोगों को अपने सामान को बचाने में पसीने छूट रहे हैं।
प्रेमी नगला के दर्जन भर परिवार दो दिन पहले ही गांव छोड़ कर बाहर आ गए थे। जो लोग गांव में थे वह अब बाहर निकलने को छटपटा रहे हैं। ग्रामीणों को स्टीमर दिया गया है जिससे लोग अपना सामान लेकर बाहर आ रहे हैं। उसहैत ओर जटा के बीच में ऊंचे स्थानों पर लोगों को रोका गया है। यहीं पर उन्हे राहत सामग्री दी जा रही है। असमिया रफतपुर गांव के लोग स्टीमर से बाहर निकल रहे हैं। ग्रामीणों को अब प्रशासन ने भी बाहर निकलने को कहा है। निचले इलाके बाढ़ की चपेट में हैं।
बाढ़ खंड ने बांधों की बढ़ाई निगरानी
उसहैत क्षेत्र में बाढ़ खंड ने अब संभावित खतरे को भांपते हुए बांधों की निगरानी बढ़ा दी है। बांध संवेदनशील हैं, लेकिन अभी सुरक्षित है। इसलिए खतरा कम होने की बात कही जा रही है। बाढ़ खंड ने अपनी सभी सातों बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी है। दिन रात बाढ़ चौकियां विभाग को रिपोर्ट दे रहीं हैं।
सहायक अभियंता, बाढ़ खंड नेशपाल ने बताया कि सोमवार को गंगा में एक लाख 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो पिछले दिनों की अपेक्षा काफी कम है। लेकिन बारिश और बाढ़ के चलते उसहैत के कई गांवों में लोग परेशान हैं। स्टीमर की मदद से ग्रामीण बाहर निकल रहे हैं। संभावना है अब पानी कम होगा और लोगों को राहत मिलेगी।
