रामपुर: 78 दिन में हुआ न्याय...मूकबधिर मासूम से रेप के दोषी को आजीवन कारावास
रामपुर, अमृत विचार। सैफनी थाना क्षेत्र में मूकबधिर बालिका से दुष्कर्म के मामले में सोमवार को कोर्ट ने फैसला सुना दिया। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट के पीठासीन अधिकारी रामगोपाल ने दोषी को आजीवन कारावास और छह लाख का जुर्माना लगाया है। 78 दिन में मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया गया।
सैफनी थाना क्षेत्र के एक गांव में 15 अप्रैल की शाम वर्षीय मूकबधिर बालिका खेत से लौटते समय रास्ते से गायब हो गई थी। रात भर परिजन ग्रामीणों के साथ उसे तलाशते रहे, लेकिन उसका पता नहीं चल सका। 16 अप्रैल को वह खेत में बेहोशी की हालत में मिली, उसके शरीर पर खरोंचों के निशान थे। प्राइवेट पार्ट पर जलाने के निशान मिले थे। किसी ने उसके साथ दुष्कर्म भी किया था। इस मामले में उसको घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके बाद हालत गंभीर होने पर उसको बेहतर इलाज के लिए मेरठ रेफर कर दिया गया था।
पुलिस ने गांव के ही आरोपी दान सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए 24 घंटे के अंदर ही मुठभेड़ में गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया था। पुलिस ने एक माह के अंदर ही विवेचना के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। जिसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की कोर्ट में चल रही थी। सात अगस्त को कोर्ट ने दान सिंह को दोषी करार दिया था। जहां सोमवार को कोर्ट ने उसको आजीवन कारावास और छह लाख का जुर्माना लगाने की सजा सुनाई है। जिला शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार सक्सेना ने बताया की दोषी को आजीवन कारावास और छह लाख का जुर्माना लगाया है।
पीड़िता समेत 16 लोगों के हुए थे बयान
मामला चर्चा में होने के कारण तेजी के साथ कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। पुलिस ने मेरठ ही पहुंचकर उसके बयान लिए थे। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता सहित 16 लोगों के गवाही हुई थी। इस दौरान टीएमयू और मेरठ मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों की गवाही हुई थी। सीओ शाहबाद की गवाही भी हुई थी।
प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना था मामला
मूकबधिर बालिका से दुष्कर्म करने का मामला प्रदेश तक में चर्चा का विषय बन गया था। कई संगठनों के द्वारा धरना प्रदर्शन करके आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग उठाई थी। जिसके बाद पुलिस भी सक्रिय हो गई थी। मामले को संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी।
115 दिन में पीड़ित को मिला न्याय
15 अप्रैल 2025 को पीड़िता के साथ कृत्य हुआ था। जिसकी चीख पूरे प्रदेश में गूंज गई थी। पुलिस ने भी मुद्दे को गर्माये हुए देखा तो इस मामले में सख्त से सख्त पैरवी की। कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी। जिसके बाद घटना के बाद एक महीने में चार्जशीट गई जबकि 78 कोर्ट में सुनवाई चली। कुल 115 दिन में आखिरकार बालिका को न्याय मिल गया। उसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है।
