उत्तराखंड: नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का रिजल्ट घोषित, गृह सचिव, डीजीपी तलब

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Published By Deepak Mishra
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नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अंततः मंगलवार को औपचारिक घोषणा हो गयी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दीपा दरम्वाल अध्यक्ष जबकि कांग्रेस की देवकी बिष्ट को मंगलवार को उपाध्यक्ष विजयी घोषित किया गया है। इधर उच्च न्यायालय ने भी 14 अगस्त को जिला पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को गंभीरता से लेते हुए आगामी शुक्रवार को गृह विभाग के सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को अदालत में पेश होने के निर्देश दिये हैं।

मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ में आज इस प्रकरण में दायर स्वतः संज्ञान वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिलाधिकारी वंदना और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से अदालत में जवाबी हलफनामा पेश किया गया। एसएसपी की ओर से कहा गया कि चुनाव के दौरान हुए पूरे घटनाक्रम में 14 लोगों को चिन्हित किया गया। इनमें से एक को गिरफ्तार किया गया है। अभी तक की जांच में मिले तथ्यों के अनुसार चिन्हित लोगों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। न ही कोई हिस्ट्रीशीटर शामिल है।

उन्होंने कहा कि ऊधमसिंह नगर की एक कार को जांच के दायरे में लिया गया है। कार मालिक फरार है। उसको पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। अदालत ने अपने आदेश में चुनाव के दौरान हुई हिंसा और फायरिंग की घटना को गंभीरता से लेते हुए इसे गन कल्चर करार देते हुए गृह सचिव और डीजीपी को आगामी 22 अगस्त को अदालत में पेश होने के निर्देश दिये हैं। दूसरी ओर जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से आज नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के परिणाम की घोषणा कर दी गयी है। भाजपा की दीपा दरम्वाल ने अध्यक्ष पद पर 11-10 से जीत हासिल की है जबकि उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की देवकी बिष्ट विजयी हुई हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी देवकी बिष्ट और भाजपा के बहादुर नगदली को 10 -10 मत हासिल हुए। अंत में पर्ची के माध्यम से परिणाम निकाला गया जिसमें देवकी बिष्ट के पक्ष में फैसला हुआ है। गौरतलब है कि विगत 14 अगस्त को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिये हुए मतदान के दौरान मारपीट और झड़प हुई थी। कांग्रेस नेताओं की ओर से पांच जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण का आरोप लगाया गया था। बाद में पांचों सदस्य सामने आ गये और उन्होंने दावा किया कि उनका अपहरण नहीं हुआ है। वह स्वेच्छा से बाहर गये हैं।

सोमवार को पांचों सदस्य उच्च न्यायालय में भी पेश हुए। इस बीच मतदान में मारपीट और झड़प का 14 अगस्त को उच्च न्यायालय पहुंच गया था और अदालत ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर कर ली थी। इसी बीच रात तक चले घटनाक्रम के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर देर रात को मतों की गणना की गयी और परिणाम को सील बंद लिफाफे में कोषागार में रख दिया गया। आज जिलाधिकारी ने परिणाम की औपचारिक घोषणा करते हुए विजयी प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र वितरित कर दिये। दूसरी ओर कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट की याचिका पर खबर लिखे जाने तक सुनवाई चल रही थी। 

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