UP News: तीन जनपदों के जिला कृषि अधिकारी सस्पेंड, 10 अन्य को नोटिस जारी, विभाग में मची खलबली

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि पदीय दायित्वों का निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन जिलों के जिला कृषि अधिकारियों को निलंबित करने के साथ ही दस अन्य लोगों को नोटिस जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि नोटिस उन लोगों को जारी की जा रही है, जिनके पास खेत कम है और उन्होंने खाद ज्यादा उठा ली है। 

यहां कृषि भवन में बुधवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि जिन जिला कृषि अधिकारियों को निलंबित किया गया है। उनमें मंजीत कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी बलरामपुर प्रकाश चंद्र विश्वकर्मा और अशोक प्रसाद मिश्र जिला कृषि अधिकारी श्रावस्ती शामिल है। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में खाद की कालाबाजारी को लेकर रिपोर्ट मंगाई जा रही है। जांच के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी। 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा खाद की कमी पर सवाल उठाए जाने को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि अखिलेश को बोलने का कोई हक नही है। उनके समय मे खरीफ सीजन में केवल 91.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ फसलों की बुवाई हुई थी जबकि किसानों को समय से उन्नत बीज खाद पानी सिंचाई संसाधनों में निरंतर वृद्धि के परिणाम स्वरुप वर्ष 2023 24 में खरीफ के फसलों का आच्छादन बढ़कर 101.प8 हेक्टेयर हो गया है। 2024 में यह क्षेत्रफल 105.93 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 36000 किसानों की ऋण माफी की थी। 
कृषि मंत्री ने बताया कि महाराजगंज में जून माह के दौरान 186 लोग ऐसे पाए गए हैं। जिन्होंने एक मीट्रिक टन से लेकर 2.375 मीट्रिक टन तक यूरिया का क्रय किया गया है। इन लोगों के द्वारा चार बार से लेकर 13 बार तक खाद का क्रय किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की जांच जोत के रकवे के साथ कराई जा रही है। जांच के दौरान यदि कालाबाजारी पाई जाती है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकार जनपद सिद्धार्थनगर में भी कई लोगों के द्वारा एक मीट्रिक टन से अधिक यूरिया का क्रय चार बार से लेकर 20 बार में किया गया है। उन्हें भी चिन्हित किया जा रहा है। 

कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 5.9 0 लाख मीट्रिक टन यूरिया 3.87 लाख मीट्रिक टन डीएपी एवं 3 लाख मीट्रिक टन एनपीके 2.5 लाख मीट्रिक टन एसपी 0.63 लाख मीट्रिक टन को मिलाकर कुल 15.91 लाख मैट्रिक टन रासायनिक उर्वरक किसानों के लिए उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सहकारी क्षेत्र में 2.5 लाख मीट्रिक टन यूरिया 1.94 लाख मीट्रिक डीएपी एवं 0.8 लाख मैट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। इसी प्रकार निजी क्षेत्र में 3.87 लाख मीट्रिक टन यूरिया 1.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी एवं 2.12 लाख मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान में 24 रैंक यूरिया की 12 रैंक डीएपी ट्रांजिट में है। जो अगले तीन से चार दिनों में अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगी। प्रतिदिन 10 से 12 रैंक यूरिया की एवं 5 से 6 रैक डीएपी की प्रदेश को उपलब्ध कराया जा रहा है। 

कृषि मंत्री ने बताया कि फ़सलों की उत्पादकता को बढ़ाया जा सके, इसके लिए क़ृषि विभाग अभियान चलाएगा। 15 सितंबर को हम लोग पोर्टल खोलने जा रहे है। जिस पर किसानों से आवेदन माँगे जाएँगे। उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से यूरिया और डीएपी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। कृषि मंत्री ने कहा कि इस बार दलहन और तिलहन का रकबा गेहूं की अपेक्षा ज्यादा बढ़ने पर सरकार ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि गेहूं की अपेक्षा किसानों को दलहन और तिलहन से अच्छा लाभ मिलता है हम 12 लाख 80 हजार 350 पैकेट किसानों को उपलब्ध कराएंगे। इस दौरान उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान कमियाँ पाई जाने पर 1196 दुकानदारों के लाइसेंस निरस्त किए गये और 93 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई है। 

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