Moradabad : 27 अगस्त को मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे मूर्तिकार

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Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष चतुर्थी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे शुरू होगी और 27 अगस्त को दोपहर 3:44 बजे समाप्त होगी। इसलिए 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन से घरों व पंडालों में गणपति विराजेंगे और भक्त उनकी विधि विधान से पूजा अर्चना करेंगे।

ज्योतिषाचार्य पंडित केदार मुरारी ने बताया कि गणेशोत्सव, जिसे गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार महाराष्ट्र में विशेष रूप से लोकप्रिय है, लेकिन अब पूरे भारत में इसे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार वेद व्यास जी ने गणेश चतुर्थी से महाभारत कथा श्री गणेश को लगातार 10 दिन तक सुनाई थी। जिसे श्री गणेश जी ने अक्षरश: लिखा था। 10 दिन बाद जब वेद व्यास जी ने आंखें खोली तो पाया कि 10 दिन की अथक मेहनत के बाद गणेश जी का तापमान बहुत बढ़ गया है। तुरंत उन्होंने गणेश जी को निकट के सरोवर में ले जाकर ठंडे पानी से स्नान कराया था. इसलिए गणेश स्थापना कर चतुर्दशी को उन्हें शीतल किया जाता है।शुभ महूर्त- वैसे तो प्रात काल में कभी भी स्थापना कर सकते हैं पर सुबह 11 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 5 मिनट तक मुहूर्त अधिक शुभ है।

गणेश स्थापना की विधि
: स्थान का चयन: गणेश जी की स्थापना के लिए एक स्वच्छ स्थान का चयन करें और उसे अच्छी तरह से साफ करें.
: चौकी सजाना: एक चौकी या बाजोट पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं और उसे फूलों, रंगोली, और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाएं.
: कलश स्थापना: एक कलश में गंगाजल, रोली, चावल, कुछ सिक्के, और पंचपल्लव व नारियल को पीले कपड़े पर लपेटकर चौकी पर रखें और मूर्ति को चावल के आसन पर स्थापित करें.
पूजा विधि:: स्थापना के बाद गणेश जी की पूजा रोज करें, उन्हें मोदक, लड्डू, दुर्वा, फूल, और सिंदूर अर्पित कर आरती करें.
विसर्जन: गणेश उत्सव के 10 दिनों के बाद, अनंत चौदस के दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।

यह रखें ध्यान
दिशा: गणेश जी की स्थापना उत्तर-पूर्व दिशा में करना शुभ माना जाता है.
मुंह: गणेश जी की मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए
नियम: गणेश उत्सव के दौरान, मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन न करें

 

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