RTI धोखाधड़ी पर हाईकोर्ट सख्त: बीडीए सचिव को पेशी से फिलहाल राहत, 11 सितम्बर को अगली सुनवाई

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Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरटीआई धोखाधड़ी के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की सचिव वंदिता श्रीवास्तव को व्यक्तिगत पेशी से फिलहाल राहत दी है। कोर्ट ने उनके 21 अगस्त 2025 को दाखिल छूट प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया, लेकिन अगली सुनवाई 11 सितम्बर 2025 तय कर दी।

न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने रामपाल की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 24 मई 2025 का आदेश एक ऐसे आरटीआई पत्र पर आधारित था, जिसे संबंधित कर्मचारी ने धोखाधड़ी से जारी किया था। यानी जिस सूचना को आधिकारिक मानकर आदेश पारित हुआ, वह असली नहीं थी और गलत तरीके से तैयार की गई थी।

इस गंभीर खुलासे पर कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में आदेश को रीकॉल (वापस लेने) पर विचार किया जाएगा। राज्य सरकार को आदेश रीकॉल करने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय दिया गया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ किया कि यदि आदेश वापस नहीं होता है तो बीडीए सचिव को अनुपालन का शपथपत्र दाखिल करना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना पड़ेगा और उनके खिलाफ आरोप तय करने की कार्यवाही शुरू हो जाएगी।

गौरतलब है कि याची ने अवमानना याचिका इसलिए दाखिल की थी क्योंकि रिट कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन अधिनियम, 2013 के तहत मुआवजा व ब्याज की राशि अदा नहीं की गई थी।

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