RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को भारत सरकार ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, अब IMF में निभाएंगे ये बड़ी भूमिका

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। उर्जित पटेल तीन साल तक इस पद पर बने रहेंगे। केन्या में जन्मे अर्थशास्त्री उर्जित पटेल का यह आईएमएफ में लौटने का अवसर है, जहां उन्होंने करीब तीन दशक पहले अपने करियर की शुरुआत की थी। 

उन्होंने आईएमएफ में पहले भी पांच साल तक सेवाएं दी हैं। शुरुआत उन्होंने वॉशिंगटन डीसी स्थित मुख्यालय में की और फिर 1992 में आईएमएफ के डिप्टी रेसिडेंट रिप्रेजेंटेटिव के रूप में नई दिल्ली में कार्यरत हुए। उर्जित पटेल सितंबर 2016 से दिसंबर 2018 तक आरबीआई के गवर्नर रहे। 

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उनके कार्यकाल के दौरान ही भारत में नोटबंदी लागू की गई थी और महंगाई नियंत्रण के लिए कई अहम कदम उठाए गए थे। आईएमएफ में इस नई भूमिका में डॉ. पटेल की नियुक्ति से भारत की वैश्विक आर्थिक नीतियों में और अधिक प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है।

उर्जित पटेल का जन्म 1963 में हुआ था। उन्होंने 1998 से 2001 तक वित्त मंत्रालय के सलाहकार के रूप में भी काम किया। उन्होंने सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में अन्य कार्यभार भी संभाले जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी लिमिटेड, एमसीएक्स लिमिटेड और गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम शामिल हैं। 

पटेल ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1986 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम.फिल. की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1990 में येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, वह आईएमएफ में शामिल हो गए और 1990 से 1995 तक वहां काम किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका, भारत, बहामास और म्यांमा से जुड़े मुद्दों पर गौर किया। 

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