Bareilly : इज्जतनगर कारखाना आग प्रकरण : तीन सीनियर इंजीनियर और वेल्डर दोषी, चार्जशीट जारी

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। इज्जतनगर रेल कारखाना आग प्रकरण की जांच पूरी हो गई है। तीन सदस्यीय समिति ने जांच में प्रथम दृष्टया तीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर और एक वेल्डर को दोषी माना है। चारों पर जिम्मेदारी तय करते हुए कारखाना प्रशासन ने माइनर चार्जशीट जारी कर दी है। दोषियों को 10 दिन के भीतर अपना जवाब देने को कहा गया है।

23 अगस्त को कारखाने के पेंट शॉप स्थित पीवीसी सेक्शन में अचानक भीषण आग लग गई थी। जांच में सामने आया कि बेल्डिंग और पीवीसी से जुड़ा कार्य एक साथ चल रहा था। इसी दौरान बेल्डिंग की चिंगारी एडेसिव केमिकल के डिब्बे में गिर गई, जिससे आग भड़क उठी। हादसे में टेक्नीशियन-2 निर्मला गंभीर रूप से झुलस गई थीं। फिलहाल उनका इलाज एक मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड में चल रहा है।

घटना के बाद कर्मचारियों में आक्रोश फूट पड़ा था। कर्मचारियों ने मानकों के अनुसार सुरक्षा इंतजाम न होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। सीडब्ल्यूएम अशोक कुमार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने पांच दिन में करीब 20 कर्मचारियों के बयान दर्ज किए और तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंप दी।

रिपोर्ट में सीनियर सेक्शन इंजीनियर (पीवीसी) राम किशोर, सीनियर सेक्शन इंजीनियर (कैरिज-इंचार्ज) भावेश कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर (कैरिज) सुबोध कुमार और वेल्डर इकबाल हुसैन को दोषी पाया गया। इन चारों की माइनर चार्जशीट जारी की गई है। माइनर चार्जशीट के तहत दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों की 35 महीने तक वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है। साथ ही रेल पास जैसी सुविधाएं भी बंद की जा सकती हैं।

जांच कमेटी के अनुसार अभी अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच जारी है। यदि लापरवाही या नियमों की अनदेखी के और सबूत सामने आए तो कई और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। रेल सूत्रों के अनुसार यह हादसा कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी का नतीजा था। जबकि रेलवे कार्यशालाओं में स्पष्ट निर्देश है कि वेल्डिंग और ज्वलनशील रसायनों का काम एक साथ नहीं होना चाहिए। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अगर सुरक्षा उपकरण और मानक ठीक से लागू होते तो यह दुर्घटना टाली जा सकती थी।


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