खतरे के निशान से ऊपर पहुंची सरयू, आफत बना बाढ़ का पानी, चपेट में आए दर्जनों गांव
अयोध्या, अमृत विचार। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश से एक बार फिर सरयू नदी उफान पर है। नदी का जलस्तर शुक्रवार को खतरे के निशान से 96 सेमी. ऊपर पहुंच गया। बाढ़ का पानी घरों व खेतों में घुस गया है। शहर के गुप्तारघाट की सीढ़ियां पानी में डूब गई। अयोध्या में भी लोगों को गहरे पानी में जाने से रोका जा रहा है। इसके लिए चेतावनी बोर्ड भी लगाया गया है।
सरयू का जलस्तर शुक्रवार को सामान्य 92.730 सेमी. से 96 सेमी ज्यादा 93.260 सेमी दर्ज हुआ। पूरा बाजार प्रतिनिधि के अनुसार मूडाडीहा माझा, उरदाहवा, सलेमपुर, पिपरी संग्राम, पूरे चेतन, मडनामाझा, बलुइयामाझा, सेवारहवा रामपुर पुवारी माझा, मदराही, काजीपुर माझा सहित कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। इससे गांव जाने वाले रास्ते कट गए हैं, जिसे आवागमन प्रभावित हो गया है।
पिपरी संग्राम गांव के बांकेलाल निषाद ने बताया कि सरयू नदी यहां दो धाराओं में बंट जाती है और आगे जाकर फिर मिल जाती है। ऐसे में यह स्थान चारों तरफ से पानी से घिर गया है। बच्चों को पढ़ाई से वंचित न होने देने के लिए उन्होंने प्राइवेट नाव बनाई है। इसी से रोज बच्चे कछार के गांव स्थित मूड़ाडीह प्राथमिक विद्यालय आते-जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि घर कटने के समय प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया था कि कछार के गांव में मकान बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन आज तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी।
रामपुर पुवारी माझा के प्रधान रमेश निषाद निषाद ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को गांव से निकलने के लिए नाव की व्यवस्था हुई है। सड़क की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग को लिखा पड़ी की गई है। वहीं, इसका असर रुदौली क्षेत्र में भी दिख रहा है। विधायक रामचंद्र यादव ने कैथी माझा समेत अन्य बाढ़ प्रभावित गांव का निरीक्षण किया। एसडीएम सदर राम प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में नगरानी के लिए राजस्व की टीम लगाई गई है।
लाल निशान से 47 सेमी ऊपर बह रही सरयूतराई में पलायन जारी
तराई में फिर दहशत फैला रही सरयू नदी का जलस्तर एक बार फिर लाल निशान से 47 सेमी ऊपर जाकर स्थिर हो गया है। हालांकि बाढ़ की चपेट में दर्जनों गांव आ चुके हैं और ग्रामीणों का पलायन भी जारी है। प्रशासनिक अधिकारी व कर्मी प्रभावित गांवों का जायजा लेते रहे वहीं और पानी छोड़े जाने की दशा में हालात विकराल होने के आसार हैं।
रामनगर प्रतिनिधि के अनुसार सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच जाने से जनपद के कई तहसीलों में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। तलहटी में बसे गाँव पानी से घिर गए हैं, जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खेत जलमग्न हो गए हैं और दर्जनों घरों में पानी भर गया है। गुरुवार शाम पांच बजे एल्गिन ब्रिज पर जलस्तर 106.070 मीटर के खतरे के निशान के सापेक्ष 106.540 मीटर मापा गया, जो लाल निशान से 47 सेंटीमीटर ऊपर रहा। गिरजा बनवास बैराज से छोड़ा गया पानी बाराबंकी सीमा में पहुँचते ही तपेसिपाह, सिसौंडा, लहडरा, बुद्धईपुरवा सहित कई गाँवों में प्रवेश कर गया। ग्रामीणों ने कटान और मकानों पर मंडराते खतरे को लेकर उच्चाधिकारियों से बचाव कार्य की गुहार लगाई है।
सूरतगंज प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में बबुरी, बाबापुरवा, लालपुरवा, केदरीपुर, सरसंडा, उधिया, सुंदरनगर और बेलहरी सहित आधा दर्जन गाँव जलमग्न हो गए। 30 से अधिक परिवार सुरक्षित स्थानों पर तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हुए। जलस्तर बढ़ने से गाँवों और सड़कों पर पानी भर गया है। प्रशासनिक टीम ने तटबंध पर शौचालय, भोजन, पानी और बिजली की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
सिरौलीगौसपुर प्रतिनिधि के अनुसार गुरुवार सुबह नदी का जलस्तर बढ़ने से तराईवासी सहमे हुए हैं। बाढ़ का पानी गांवों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। लगातार नेपाल से छोड़े जा रहे पानी के कारण हालात गंभीर हैं। एसडीएम प्रीति सिंह के निर्देश पर राजस्व टीम ने प्रभावित गाँवों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी। नावों की व्यवस्था भी की जा रही है।
रामसनेहीघाट प्रतिनिधि के अनुसार तहसील क्षेत्र में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ पीड़ितों को लंच पैकेट वितरित किए। नायब तहसीलदार उमेश द्विवेदी ने नाव से खैरी बांध और नदी कटान की स्थिति का जायजा लिया। ग्राम गनौली और जलालपुर तराई में 2500 भोजन पैकेट बांटे गए। उपजिलाधिकारी अनुराग सिंह लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
