बरेली विकास प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द: हाईकोर्ट
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली विकास प्राधिकरण की भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्जे के एक मामले में आरोपपत्र व संज्ञान आदेश दोनों को निरस्त करते हुए समस्त कार्यवाही समाप्त कर दी। कोर्ट का मानना है कि वर्तमान मामला भूमि विवाद का है, जिसे आपराधिक रंग देकर अभियुक्तों पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की एकलपीठ ने अरविंदर सिंह, रमनदीप सिंह और अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया।
मामले के अनुसार गाटा संख्या 825, क्षेत्रफल 7714.058 वर्ग मीटर, ग्राम बिहारमान नगला, बरेली को सक्षम प्राधिकारी, नगर भूमि सीमारोपण द्वारा सरप्लस घोषित करके 16.11.1990 को बरेली विकास प्राधिकरण के कब्जे में दिया गया था। आरोप है कि कुछ भू-माफियाओं ने इस भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर प्राधिकरण द्वारा बनवाई जा रही बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य रोक दिया और ठेकेदार व मजदूरों के साथ मारपीट व गाली-गलौज की।
इस संबंध में सहायक अभियंता सुनील कुमार की तहरीर पर 08 जुलाई 2022 को इज्जतनगर थाना, बरेली में आईपीसी की धारा 147, 353, 447, 323, 504 के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। इसमें राजीव कुमार, विशाल गंगवार, राधेश्याम राणा, रविन्द्र कुमार गुप्ता समेत 5-6 अज्ञात व्यक्तियों को नामजद किया गया।
विवेचना के बाद पुलिस ने कुछ अन्य लोगों जैसे अमनदीप, रमनदीप, हनी कुमार, युवराज सिंह, सतवीर सिंह, रविंद्र कुमार गुप्ता को भी आरोपी घोषित करते हुए 6 दिसम्बर 2022 को आरोपपत्र दाखिल किया, जिस पर सीजेएम, बरेली ने संज्ञान लिया, लेकिन आरोपियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने विचार करते हुए पाया कि जमीन स्वामित्व विवाद सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है और यह मामला मूलतः सिविल प्रकृति का है और अभियुक्तों का नाम विवेचना के दौरान सामने आया था। अतः उनके खिलाफ चल रही संपूर्ण आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी गई।
