बरेली बवाल : मौलाना तौकीर रजा का सिपहसालार नावेल्टी की जिन दुकानों से वसूलता था किराया, बीडीए-निगम ने सील कीं वो 37 दुकानें

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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बरेली में बवाल के बाद मौलाना के सलाहाकार-सहयोगियों पर पुलिस-प्रशासन और स्थानीय प्राधिकरण कीं नजरें तिरछी

लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में शुक्रवार को हुए बवाल के बाद पुलिस-प्रशासन मोड में है। मौलाना तौकीर रजा फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं। सोमवार को नदीम खान समेत करीब डेढ़ दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। अब मौलाना के सलाहाकार, समर्थक और बवाल में शामिल आरोपियों की संपत्तियां निशाने पर हैं।

सोमवार को बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) और नगर निगम ने संयुक्त कार्यवाही में नावेल्टी चौराहा पर 37 दुकानों को अवैध बताकर सील कर दिया है। पहलवान साहब की दरगाह के ईदगिर्द की इन दुकानों का किराया मौलाना का सिपहसालार नफीस अहमद वसूल करता था। 

मौलाना की इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के महासचिव नफीस अहमद फरार हैं। धरपकड़ के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। उधर, अब मौलाना के करीबियों पर शिकंजा कसने लगा है। स्थानीय प्रशासन, उनकी संपत्तियों का शिजरा खंगाल रहा है। 

इसी क्रम में सोमवार को नावेल्टी चौराहे पर गहमागहमी के बीच 37 दुकानों को चिन्हित करके सील कर दिया गया है। अप्रत्यक्ष रूप से इस मार्केट का केयरटेकर मौलाना और नफीस अहमद को माना जाता है। यही कारण है कि अब यहां प्रशासन ने नजरें तिरछी कर ली हैं। कार्रवाई के डर से दुकानदार भयभयीत हैं। उन्हें रोजी-रोटी के संकट का भय सताने लगा है। 

आई लव मुहम्मद विवाद 

ईद मिलादुन्नबी पर कानपुर में जुलूस के दौरान आई लव मुहम्मद के बैनर-पोस्टर लगाए गए थे। विरोध पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। इस कार्रवाई के खिलाफ देशभर में विरोध के स्वर फूटने लगे और सोशल मीडिया पर ट्रेंड चल पड़ा। इसी को लेकर मौलाना तौकीर रजा ने बरेली में 26 सितंबर को प्रोटेस्ट का ऐलान कर दिया।

मौलाना ने जुमा की नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में प्रदर्शन रखा था। 19 सितंबर को जब मौलाना ने प्रदर्शन का ऐलान किया, तभी से स्थानीय प्रशासन उन्हें समझाने में जुटा रहा। आखिर तक प्रशासन की ये कोशिश जारी रही कि प्रदर्शन टल जाए, लेकिन मौलाना नहीं माने। शुक्रवार को पुलिस ने मौलाना को प्रदर्शन से पहले ही नजरबंद कर लिया।

उधर, जुमा की नमाज के बाद भीड़ सड़क पर आ गई। और यहां बवाल हो गया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा था। उपद्रव के मामले में पुलिस ने मौलाना को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद जिला प्रशासन इस मामले में शामिल सभी आरोपियों पर कार्रवाई में जुटा है।

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