राजस्व मामलों के निस्तारण में लखनऊ अव्वल, प्रयागराज को मिला दूसरा स्थान

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Published By Deepak Mishra
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जिला न्यायालयों में जौनपुर ने मारी बाजी, सीएम की मॉनीटरिंग से निस्तारण में तेजी

राज्य ब्यूरो/ लखनऊ, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों और नियमित मॉनीटरिंग का असर अब प्रदेश में राजस्व विवादों के निस्तारण में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। राजस्व परिषद की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली की ओर से जारी सितंबर माह की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व मामलों का निस्तारण राजधानी लखनऊ में किया गया है। वहीं, जनपदीय न्यायालयों के स्तर पर जौनपुर ने एक बार फिर बाजी मारी है।

राजस्व परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर माह में पूरे प्रदेश में कुल 3,88,145 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया। इनमें राजधानी लखनऊ 21,296 मामलों के निस्तारण के साथ पहले स्थान पर रही। लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है। इसके बाद प्रयागराज में 11,396 मामले, शाहजहांपुर में 9,075, जौनपुर में 8,856 और गोरखपुर में 8,448 मामले निस्तारित किए गए। यह आंकड़े बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी की सख्त मॉनीटरिंग और जवाबदेही प्रणाली ने पूरे प्रदेश में राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली में बड़ा सुधार किया है।

जिला न्यायालयों में जौनपुर, लखीमपुर और बस्ती रहे आगे

बोर्ड ऑफ रेवन्यू की आरसीसीएमएस रिपोर्ट के अनुसार, जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने निर्धारित मानक से अधिक मामलों का निस्तारण किया है। यहां प्रति माह 250 मामलों के मानक के सापेक्ष 704 मामलों का निस्तारण किया गया, जो 281.60 प्रतिशत की उल्लेखनीय उपलब्धि है। इसी प्रकार लखीमपुर खीरी 415 मामलों के साथ दूसरे और बस्ती 412 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

फतेहपुर ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 30 मामलों के मानक के सापेक्ष 79 मामलों का निस्तारण किया और 263.33 प्रतिशत की सफलता दर के साथ प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। जौनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय ने 77 और कुशीनगर ने 67 मामले निस्तारित कर क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।

भू-राजस्व मामलों में भी जौनपुर अव्वल

अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व) जौनपुर ने 50 के मानक के मुकाबले 251 मामलों का निस्तारण कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। गाजीपुर के एडीएम ने 30 और मीरजापुर के एडीएम ने 24 मामलों का निस्तारण किया है। वहीं, एडीएम (वित्त एवं राजस्व) ने भी 50 के मानक के सापेक्ष 21 मामलों का निस्तारण कर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।

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