बाराबंकी : किराए का चक्कर नाटक देखकर हंसी से लोटपोट हुए दर्शक

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

रंगायन ग्रुप की बेहतरीन प्रस्तुति, हास्य के साथ दिया सामाजिक संदेश

देवा/बाराबंकी, अमृत विचार। देवा मेला के रंगमंच पर मंगलवार की शाम हास्य और व्यंग्य से भरपूर नाटक ‘किराए का चक्कर’ का मंचन हुआ। रंगायन ग्रुप के कलाकारों ने इस शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को खूब गुदगुदाया। नाटक में हास्य के साथ समाज में फैले छल-कपट और लालच पर करारा व्यंग्य भी देखने को मिला।

नाटक की कहानी दो छात्रों विजय और श्याम की है, जो किराए के कमरे में रहते हैं, लेकिन किराया न दे पाने की स्थिति में उलझ जाते हैं। वे मकान मालिक से बचने के लिए एक अजीब योजना बनाते हैं मकान मालिक की ही बेटी को फंसाकर किराया वसूल करना। इस योजना की तैयारी में श्याम लड़की का वेश धारण करता है, और वहीं से शुरू होता है असली हंगामा।

मकान मालिक जब कमरे में आता है तो घटनाएं कुछ इस तरह मोड़ लेती हैं कि वह खुद ही 'लड़की' के प्यार में पड़ जाता है और किराया माफ कर देता है। अंत में जब सच्चाई सामने आती है कि वह ‘लड़की’ दरअसल श्याम है, तो मकान मालिक बेहोश होकर गिर पड़ता है।

श्याम की भूमिका में सुमित श्रीवास्तव ने और विजय की भूमिका में अभिषेक सिंह ने शानदार अभिनय किया, जबकि मकान मालिक के रूप में अंकित श्रीवास्तव ने दर्शकों को खूब हंसाया। संवादों की तीव्रता, हास्यपूर्ण अदाएं और जीवंत अभिनय ने दर्शकों को तालियां बजाने और हंसने पर मजबूर कर दिया।

‘किराए का चक्कर’ ने यह संदेश भी दिया कि चालाकी और धोखे से बना कोई भी ताना-बाना अंततः खुद के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। नाटक के अंत में दर्शकों ने कलाकारों को स्टैंडिंग ओवेशन दिया और लंबे समय तक तालियों की गूंज रंगमंच पर बनी रही।

संबंधित समाचार