'आज तक जारी है DDLJ का वो जादू' मुंबई के ‘मराठा मंदिर’ में 30 साल से दिखाई जा रही फिल्म, डायरेक्टर ने कहा था लंबी रेस का घोडा 

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Published By Anjali Singh
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मुंबई। शाहरुख खान और काजोल के अभिनय से सजी ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (डीडीएलजे) मुंबई के मशहूर सिनेमाघर ‘मराठा मंदिर’ में 30 साल से अधिक समय से दिखाई जा रही है। सिनेमाघर के कार्यकारी निदेशक मनोज देसाई का कहना है कि ‘मराठा मंदिर’ में ‘डीजीएलजे’ का प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक दर्शक इसे देखने आते रहेंगे। ‘मराठा मंदिर’ 1952 में स्थापित एकल पर्दे वाला एक प्रसिद्ध सिनेमाघर है, जिसमें 1,107 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है।

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इस सिनेमाघर में ‘मुगल-ए-आजम’ और ‘पाकीजा’ सहित कई सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित की जा चुकी हैं। आदित्य चोपड़ा के निर्देशन में बनी ‘डीडीएलजे’ 20 अक्टूबर 1995 को अपनी रिलीज के बाद से ही ‘मराठा मंदिर’ में लगातार प्रदर्शित की जा रही है। देसाई ने ‘न्यूज़ एजेंसी’ के साथ साक्षात्कार में बताया कि ‘DDLJ’ की रिलीज से 10 दिन पहले ‘मराठा मंदिर’ में इसकी प्राइवेट स्क्रीनिंग के दौरान उन्होंने आदित्य के पिता और मशहूर फिल्म निर्देशक यश चोपड़ा से कहा था कि “यह (फिल्म) लंबी रेस का घोड़ा है।” 

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देसाई ने कहा, “मैंने पहले ही फिल्म देख ली थी और मैं इसे रिलीज करने के लिए बेताब था। इसमें सब कुछ था-शानदार कहानी, बेहतरीन स्टारकास्ट और न सिर्फ अमरीश पुरी, शाहरुख और काजोल के किरदार, बल्कि हर किरदार दमदार था। अगर दर्शक चाहेंगे, तो हम यह फिल्म दिखाना जारी रखेंगे।” 

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उन्होंने कहा, “उस समय मुझे नहीं पता था कि हम इसे सिनेमाघरों में इतने लंबे समय तक चला पाएंगे। हमारे प्रबंध निदेशक अरुण नाहर ने सोचा था कि चूंकि टिकट दरें इतनी कम हैं, इसलिए फिल्म ‘मराठा मंदिर’ में लंबे समय तक चलेगी और यह सच साबित हुआ।” देसाई के मुताबिक, हफ्ते के शुरुआती पांच दिनों में ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ का पूर्वाह्न 11:30 बजे का शो देखने के लिए आम तौर पर लगभग 70 से 100 दर्शक पहुंचते हैं, जबकि सप्ताहांत में यह संख्या 200 से 300 तक हो जाती है। 

‘बालकनी सीट’ के टिकट की कीमत 50 रुपये, जबकि ‘ड्रेस सर्कल सीट’ के टिकट की कीमत 30 रुपये है। देसाई के अनुसार, ‘डीडीएलजे’ विभिन्न जनसांख्यिकीय समूहों को आकर्षित करने में सक्षम है और यह बात इस फिल्म को खास बनाती है। उन्होंने बताया कि मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन और एसटी बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पर स्थित ‘मराठा मंदिर’ में इस फिल्म को देखने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से हर आय वर्ग के दर्शक आते हैं। 

देसाई उस समय ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के प्रति दर्शकों के अविश्वसनीय लगाव और प्यार के गवाह बने, जब ‘मराठा मंदिर’ के बाहर एक नोटिस चस्पा किया गया, जिसमें कहा गया था कि फिल्म के प्रदर्शन के 1,000 सप्ताह पूरे होने के बाद इसे हटा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कई प्रशंसकों को यह फैसला रास नहीं आया और उन्हें सिनेमाघर पहुंचकर प्रबंधन से अपनी निराशा व्यक्त की। 

देसाई के मुताबिक, “कुछ जोड़े यहां आते थे और कहते थे, ‘आप सिनेमाघर में फिल्म का प्रदर्शन क्यों बंद करना चाहते हैं?’ उन्होंने नोटिस हटाने को कहा। जनता ही फिल्म को हिट बनाती है।” उन्होंने बताया कि ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ अपनी रिलीज के समय से ही ‘मराठा मंदिर’ में हर रोज दिखाई जाती रही है, सिवाय मार्च 2020 में भारत में कोविड-19 महामारी की दस्तक के दौरान लगभग चार महीने की अवधि को छोड़कर। 

देसाई ने कहा, “हमें अक्सर फोन आते थे कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप खत्म होते ही ‘डीडीएलजे’ दिखाना फिर से शुरू कर दिया जाए। हम सभी जानते हैं कि आजकल किस तरह की फिल्में रिलीज होती हैं, लेकिन 'डीडीएलजे' वाकई खास है।” अपने पुराने आकर्षण, बैठने की आरामदायक व्यवस्था और खाने-पीने के लिये बड़े क्षेत्र के साथ यह थिएटर एक अनूठा वातावरण प्रदान करता है, जो दर्शकों को बार-बार यहां आने के लिए प्रेरित करता है। विभिन्न फिल्मों के पोस्टर और ट्रॉफियों से सजे इसके गलियारे सिनेमाघर के समृद्ध इतिहास और स्थायी विरासत की याद दिलाते हैं। 

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