प्रदूषण सबसे बड़ा दुश्मन : देश में हर साल 16 लाख लोगों की जा रही जान, शहरी क्षेत्रों में बदलती जीवनशैली के कारण तेजी से बढ़ रहा पॉलुशन
लखनऊ, अमृत विचार : एलर्जी पूरे विश्व में स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसका प्रसार पूरे विश्व में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। शहरी क्षेत्रों में यह समस्या प्रदूषण और बदलती जीवनशैली के कारण तेजी से बढ़ रही है। एक अध्ययन के मुताबिक, देश में हर साल करीब 16 लाख मौतें वायु प्रदूषण की वजह से हो रही हैं। एलर्जी की दवाइयों में लगभग 4000 करोड़ रुपये का व्यय प्रति वर्ष होता है।
यह जानकारी किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने दी। प्रो. वेद प्रकाश बुधवार को विभाग में इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी सम्मेलन के आयोजन की प्रेसवार्ता में बोल रहे थे।
प्रो. वेद प्रकाश ने बताया कि विश्व एलर्जी संगठन के मुताबिक, 30-40 प्रतिशत लोग पूरे विश्व में किसी न किसी एलर्जी से पीड़ित हैं। प्रदूषण और खानपान इसमें बड़ी भूमिका निभा रहा है। अस्थमा भी एक प्रकार की फेफड़े की एलर्जी है। जो कि गैर संचारी रोगों में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी में से एक है। इससे पूरे विश्व में लगभग 30 करोड़ व्यक्ति ग्रसित हैं। इसको देखते हुए इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी संगठन इन समस्याओं के इलाज और पहचान पर काम करता है।
इस साल यह सम्मेलन विभाग के सहयोग से आयोजित हो रहा है। इस चार दिवसीय सम्मेलन में देश भर के स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को एलर्जी निदान, अस्थमा प्रबंधन, इम्यूनोथेरेपी और बायोलॉजिक्स में नवीनतम प्रगति पर विचार-विमर्श करने के लिए साथ आएंगे। इसका उद्धाटन 30 अक्टूबर को शाम बजे शताब्दी फेज-2 के आठवें तल पर स्थित सभागार में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक करेंगे।
