प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब ध्वजारोहण... 37 साल का संकल्प पूरा, बोले विहिप प्रभारी 

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
On

अयोध्या, अमृत विचार। राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 37 साल पहले लिए गए संकल्प को पूरा करेंगे। 30 अक्टूबर व 2 नवंबर 1990 को कारसेवको ने भगवान श्री राम के मंदिर को आजादी दिलाने के लिए विवादित ढांचे पर चढ़कर भगवा ध्वज फहराया था। इस दौरान वर्तमान के मुलायम सरकार के गोली चलाने का आदेश से हजारों कारसेवकों को गोली मारी गई। आज भी अयोध्या कि वह गलियां शहीद कारसेवकों की याद दिलाती हैं।

ये बातें गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहीं। कहा कि मंदिर निर्माण कार्यशाला में आज भी उन यादों को सहेज कर रखा गया है। जिसमें कोठारी बंधुओं की तस्वीर और आंदोलन से जुड़ी चीजें शामिल है।जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या गोली कांड की 37 वीं बरसी मना रही है। 30 अक्टूबर और 2 नवंबर 1990 के बीच अयोध्या की जो सड़कें सूनी थी, उन्हीं मार्गों पर लाखों भक्त आस्था में झूम रहे है और उत्सव को मना रहे है। लेकिन जहन में बसी यह तारीख आज भी हर किसी को याद है। जिसमें कोठरी बंधु और हजार कारसेवकों ने आहुति दी थी। और आज उसी स्थान पर बने उस संकल्प को पूरा करेंगे।

उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर की घटना के बाद अयोध्या में कर्फ्यू लगा दिया गया था, लेकिन कारसेवकों ने हिम्मत नहीं हारी और फिर 2 नवंबर को जन्मभूमि परिसर में प्रवेश कर विवादित ढांचे पर चढ़ भगवा झंडा लहराने लगे थे। इस दौरान वर्तमान सरकार के द्वारा दिए गए आदेश पर गुम्बद पर चढ़े रमेश पांडे समेत कोठरी परिवार के दोनों भाइयों को गोली मार दी। इस दिन को हम लोग हमेशा याद रखते हैं और 2 नवंबर को दिगंबर अखाड़ा में बने शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की जाएगी। 

कहा कि उन्हीं के संकल्प को पूरा करने के लिए 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्वजारोहण करने जा रहे है। इसके लिए उस विवादित ढांचा और खंडहर को कारसेवकों ने 6 दिसंबर 1992 में तोड़ दिया था। जिस पर भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है। जहां भूतल पर भगवान श्री रामलला और प्रथम तल पर राम दरबार के रूप में विराजमान हो चुके है।

ये भी पढ़े :
आज भी बारिश के बीच अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा की तैयारी: बड़ी संख्या में उमड़ेंगें श्रद्धालु

 

संबंधित समाचार