राज्य स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता : अयोध्या में खिलाड़ियों को भोजन कराने के नाम पर वसूली का खेल! वीडियो वायरल होने के बाद जागे अधिकारी
अयोध्या, अमृत विचार : डॉ. अम्बेडकर राज्य विद्यालयी क्रीड़ा संस्थान में आयोजित राज्य स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता में माध्यमिक शिक्षा विभाग की नाक 18 मंडलों से आए खिलाड़ियों के सामने कट गई। खिलाड़ियों को भोजन कराने के नाम पर बस्ती मंडल के एक कोच पर मिल्कीपुर के चर्चित समाजसेवी के जरिए पैसा वसूली का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
तीन दिन से सो रहा शिक्षा विभाग तब जागा जब स्टेडियम के निकट भंडारे सरीखा आयोजन कर खिलाड़ियों के भोजन करता वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसे लेकर विभागीय अधिकारियों ने अपनी निगरानी की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए आरोपित कोच के विरुद्ध बस्ती जेडी को कार्रवाई के लिए पत्र लिख पूरे प्रकरण से हाथ खड़े कर लिए। हालांकि अमृत विचार वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
इतना ही नहीं इसे लेकर विभागीय बदनामी के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक डाॅ. पवन कुमार तिवारी को पांच नवम्बर को एक चेतावनी पत्र तक जारी करना पड़ा जिसमें सभी मंडलों से आए कोच और जिम्मेदारों को चेतावनी दी गई कि इस तरह की कोई वसूली करता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने खिलाड़ियों को भोजन कराने के नाम पर वसूली को विभाग की छवि धूमिल करने वाला तक बता प्रकरण को संभालने का प्रयास किया।
पूरे मामले में हास्यास्पद बात यह है कि चार नवम्बर से शुरू हुई खो-खो प्रतियोगिता के लिए स्थानीय स्तर पर निगरानी और व्यवस्था के लिए कर्मचारियों की पूरी फौज मैदान में उतारी गई, लेकिन स्टेडियम के निकट कथित भंडारे पर तीन दिन तक किसी की नजर नहीं गई।
जब सोशल मीडिया और मीडिया में गुरुवार को इसे लेकर हल्ला मचा तो चेते जिम्मेदारों ने दोपहर बाद कथित भंडारे को हटवा दिया और समाजसेवी प्रदीप यादव को मौके से जाने के लिए कहा। हालांकि विभाग अभी तक यह जानकारी नहीं दे पाया कि बस्ती कोच के अतिरिक्त भी अन्य किसी मंडल के कोच द्वारा यह हरकत तो नहीं की गई या इसके पीछे कोई बड़ी कारस्तानी है।
सूत्र बताते हैं कि चार नवम्बर को ही समाजसेवी द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने आए 2000 खिलाड़ियों को सुबह-शाम भोजन कराने की व्यवस्था के लिए बार कोड के जरिए आर्थिक सहयोग अथवा मदद की अपील की गई थी। जबकि वास्तव में इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ियों की आमद ही नहीं हुई है। समाजसेवी की इस पोस्ट के बाद लोगों द्वारा मदद दी गई।
यह संख्या कितनी है और कितनी धनराशि आई, बस्ती कोच की इसमें क्या भूमिका रही यह एक अनुत्तरित प्रश्न बना हुआ है। समाजसेवी को सपा कार्यकर्ता भी बताया जा रहा है लेकिन कई बार फोन किए जाने के बाद भी जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। फिलहाल इस पूरे प्रकरण में विभागीय लापरवाही उजागर हुई है और इसे लेकर जनपद में खासी चर्चा रही।
बस्ती कोच प्रेम कुमार के खिलाफ कार्रवाई की संतुष्टि
इस प्रकरण के उजागर होने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेन्द्र कुमार सिंह द्वारा बस्ती जेडी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। विभाग द्वारा गजब का तर्क दिया जा रहा है कि बस्ती कोच के साथ कुल 12 खिलाड़ी आए हैं और उन्हीं को भोजन के लिए कोच प्रेम कुमार ने समाजसेवी से मदद मांग ली थी, जबकि वायरल वीडियो में बड़ी संख्या में खिलाड़ी भोजन करते दिख रहे हैं। इतना ही नहीं गुरुवार को देर शाम तक आरोपित कोच स्टेडियम में प्रतियोगिता कराते दिखे।
खिलाड़ियों को आरओ पानी की जगह नगर निगम सप्लाई का पानी
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता को लेकर ठहराव से लेकर अन्य व्यवस्था के दावे करने वाले विभाग की कलई गुरुवार देर शाम ''अमृत विचार'' की टीम के सामने ही खुल गई। यहां पहुंची टीम ने आयोजक मंडल के एक सदस्य से पानी के लिए कहा तो वह बोले भाईसाहब यह पानी न पीजिए। यह कैन तो आरओ वाली है लेकिन नगर निगम की सप्लाई वाला पानी भर कर रख दिया गया है। इतना बजट ही नहीं है कि खिलाड़ियों को आरओ पानी दिया जाए। खिलाड़ी आरओ पानी समझ उसे पीते दिखाई दिए। एक खिलाड़ी से पूछा तो बोला, सर हम आरओ पानी ही समझ कर पी रहे हैं। स्टेडियम में इधर-उधर बिखरी गंदगी और उल्टा कूड़ेदान व्यवस्था का सच बयां कर रहा था।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का बजट सिर्फ तीन लाख, अव्यवस्था तो तय है
राज्य स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता का कुल बजट महज तीन लाख रुपये है ऐसे में अव्यवस्था लाजिमी है। कुल 18 मंडलों से आए प्रत्येक मंडल से 72 खिलाड़ियों के लिए यह बजट ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। इसमें भोजन छोड़ अन्य प्रबंध शामिल बताए जा रहे हैं। वहीं जो खिलाड़ी बेसिक शिक्षा विभाग से आए हैं उनके कोच को खिलाड़ियों को भोजन कराने के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं दी गई है। मुरादाबाद मंडल की महिला कोच ने बताया वह अपने पास से खिलाड़ियों को सुबह शाम भोजन करा रहीं हैं।
संबधित प्रकरण में बस्ती कोच के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया गया है। जिस भी मंडल से कोच खिलाड़ियों को लेकर आए हैं उन्हें संबधित मंडल के जेडी द्वारा खिलाड़ियों के भोजन के लिए प्रति खिलाड़ी 150 रुपये दिये गये हैं। स्थानीय स्तर पर केवल ठहराव की व्यवस्था और अन्य प्रबंध किए गए हैं...धर्मेंद्र सिंह, सचिव, मंडलीय विद्यालयी क्रीड़ा समिति।
मैं समाजसेवी हूं, गलत काम नहीं करता हूँ। मुझसे बस्ती के कोच ने बच्चों को भोजन कराने के लिए मदद मांगी थी तो मैंने सहयोग से तीन दिन व्यवस्था की। मुझ पर जो आरोप हैं सब निराधार हैं, कोई वसूली नहीं की। जो भी मदद मांगने आएगा करुंगा, चाहे दिन हो या रात.., प्रदीप यादव, समाजसेवी, मिल्कीपुर।
