स्वस्थ रहना स्वयं के लिए नहीं, बल्कि परिवार और समाज के लिए भी आवश्यक : राज्यपाल

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि "स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।" उन्होंने कहा कि हमें अपने खानपान में संयम रखना चाहिए तथा फास्ट फूड और बाजारू वस्तुओं से परहेज करना चाहिए। "अस्वस्थ आहार हमें बीमार करता है, जिससे दवाओं पर अनावश्यक खर्च बढ़ता है। यदि हम सजग रहें, तो वही धन पौष्टिक भोजन, परिवार और जीवन की खुशहाली में लगाया जा सकता है।" 

शुक्रवार को राजभवन परिसर में स्थापित "आनंदा फिजियोथैरेपी एवं उपचार केंद्र" का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र के विभिन्न कक्षों का अवलोकन किया और संबंधित चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। राज्यपाल ने व्यायाम कक्ष, ईएमएस कक्ष और डायथर्मी कक्ष का निरीक्षण करते हुए एक स्वास्थ्य चार्ट तैयार करने और कैलेंडर आधारित उपचार प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए। 

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उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को यह जानकारी होनी चाहिए कि स्वस्थ रहने के लिए कौन-सी आदतें अपनानी हैं और किन्हें छोड़ना है। राज्यपाल ने बताया कि आनंदा फिजियोथैरेपी केंद्र में अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जो घुटनों के दर्द, मोटापा नियंत्रण, रीढ़ की समस्या और शरीर के पोस्चर सुधार में सहायक होंगे। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से नियमित रूप से चिकित्सक के परामर्श के अनुसार उपचार लेने और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहना केवल स्वयं के लिए नहीं, बल्कि परिवार और समाज के लिए भी आवश्यक है। केंद्र में वीडियो के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है ताकि सभी कर्मचारी लाभान्वित हो सकें। इसके पश्चात राज्यपाल ने राजभवन उच्च प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। बच्चों ने ऑब्स्टेकल अवॉइडिंग कार, स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक, स्मार्ट गॉगल्स, फायर अलार्म सिस्टम, सर्वेंट रोबोट और आईओटी होम सिस्टम जैसे नवाचार मॉडल प्रस्तुत किए। 

राज्यपाल ने बच्चों के तकनीकी कौशल और रचनात्मकता की सराहना की और वाई-फाई कार एवं स्मार्ट रोबोट को स्वयं संचालित कर उनके प्रयोगों की कार्यप्रणाली देखी। उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हें नियमित पढ़ाई, समय पालन और जल संरक्षण के महत्व पर बल दिया।राज्यपाल ने कहा कि "जो बच्चे स्वास्थ्य, अनुशासन और पर्यावरण के प्रति सजग रहेंगे, वही भविष्य में देश का गौरव बनेंगे।"  

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