भारत को दहलाने की नापाक साजिश का भंडाफोड़ : फरीदाबाद में डॉक्टर के घर से 300 किलो RDX, 2 AK47 व भारी गोला-बारूद बरामद...
श्रीनगर/फरीदाबाद। जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार हुए एक डॉक्टर के खुलासे के बाद पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से लगभग 300 किलोग्राम विस्फोटक बरामद करने में सफलता हासिल की है। अधिकारियों ने जब्त पदार्थ को अब तक "विस्फोटक आईईडी बनाने वाली सामग्री" आरडीएक्स (RDX) बताया है। पिछले सप्ताह, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और हरियाणा के फरीदाबाद से दो कश्मीरी डॉक्टरों को गिरफ्तार करके एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था।
गिरफ्तार डॉक्टरों में से एक की पहचान आदिल अहमद राठेर के रूप में हुई है। वह दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड का निवासी है। पुलिस ने इससे पहले अनंतनाग स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के एक डॉक्टर के लॉकर से एक राइफल बरामद की थी। पुलिस ने हालांकि फरीदाबाद से विस्फोटकों की बरामदगी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है लेकिन सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के बाहर एक निजी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर से पूछताछ के बाद लगभग 300 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री जब्त की गयी है।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस तीसरे डॉक्टर की भी तलाश कर रही है, जिसके इसी नेटवर्क का हिस्सा होने का शक है और जो फिलहाल फरार है। श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के समर्थन में लगे पोस्टरों की जांच के दौरान इस मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ। सीसीटीवी फुटेज की जांच से पुलिस को एक डॉक्टर की पहचान करने में मदद मिली, जिससे पूछताछ के बाद मामले में शामिल एक अन्य चिकित्साकर्मी को गिरफ्तार किया गया।
हथियारों का बड़ा जखीरा मिला
बरामद सामान में एक असॉल्ट राइफल मिली, जो दिखने में AK-47 जैसी है लेकिन आकार में उससे थोड़ी छोटी है। इसके साथ ही तीन मैगजीन, 84 जिंदा कारतूस, एक पिस्टल, आठ लाइव राउंड और दो खाली कारतूस भी बरामद किए गए। इसके अलावा बड़े और छोटे मिलाकर कुल बारह सूटकेस मिले, जिनमें विस्फोटकों और उपकरणों को छिपाया गया था। टीम को कई वॉकी-टॉकी सेट और अन्य संचार उपकरण भी मिले।
जानिए क्या फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सत्येंद्र गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि पिछले कुछ दिनों से हरियाणा पुलिस, फरीदाबाद पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक संयुक्त अभियान लगातार चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन अभी भी जारी है और टीमें एक सक्रिय एंटी-टेरर मॉड्यूल पर काम कर रही थीं। उन्होंने पुष्टि की कि मुख्य आरोपी का नाम डॉ. मुजम्मिल है, जिसे 9-10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। सत्येंद्र गुप्ता ने कहा कि हथियार कहां से आए और कैसे यहां तक पहुंचाए गए, यह फिलहाल जांच का विषय है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिलहाल अधिक जानकारी साझा करना संभव नहीं है।
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