होम स्टे योजना : तीन साल बीतने के बाद भी एक भी घर का पंजीकरण नहीं
बरेली, अमृत विचार। शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई होम स्टे योजना जिले में कारगर साबित नहीं हो रही है। योजना के तहत लोग अपने घरों को पर्यटकों के लिए होम स्टे के रूप में पंजीकृत कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। आंकड़े भी यही बता रहे हैं। तीन साल बीतने के बाद भी योजना के तहत पंजीकरण की स्थिति शून्य है। योजना में जो मानक निर्धारित किए गए हैं, वे इतने कठिन हैं कि उसके फेर में फंसकर लोग आवेदन करने से बच रहे हैं।
वर्ष 2022 में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शासन ने होम स्टे योजना बनाई थी। इसका मकसद शहर में घरों को पर्यटकों के लिए विकसित किया जाना है। योजना में खुद का मकान और इसमें एक से छह अतिरिक्त कमरे हों तो घर को होम स्टे में बदला जा सकता है, हालांकि इसके लिए अधिकतम 12 बेड होना जरूरी है। होम स्टे में आने वाले पर्यटकों को ब्रेक फास्ट, लांच, डिनर, वाईफाई, अटैच बाथरूम की सुविधा दी जानी है, एक पर्यटक अधिकतम सात दिन रुक सकता। कमरों का साफ-सुथरा होना, स्वच्छ बाथरूम, पीने का पानी और सुरक्षा के उचित प्रबंध जरूरी हैं।
कम से कम तीन सीसीटीवी कैमरे और केयर टेकर अनिवार्य है। जिससे पर्यटकों को सुरक्षा के साथ होटल जैसा माहौल घर में मिल सके। पंजीकरण के बाद गृहकर, जलकर और बिजली का बिल घरेलू रहेगा। पर्यटकों से किराया क्षेत्र के आधार पर लेने का प्रावधान है, मगर लोग योजना का लाभ उठाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इधर, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनुराग सक्सेना का कहना है कि होम स्टे नीति पर्यटकों के लिए कारगर है, वजह यह है कि उनको होटल से कम रकम खर्च करनी पड़ेगी, लेकिन, नियमों के फेर और जागरूकता के अभाव की वजह से अभी तक एक भी पंजीकरण नहीं हो सका है।
जिला पर्यटन अधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि इसमें ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करने के बाद जिलास्तरीय गठित कमेटी की गाइडलाइन से अप्रूव कराकर पंजीकरण प्रमाणपत्र दिया जाता है। जिला प्रशासन, फायर, पुलिस प्रशासन के अधिकारी होम स्टे के पंजीकरण का अप्रूवल देते हैं। होम स्टे में स्टार कैटेगरी की सुविधाएं नहीं देनी हैं। यहां आम आदमी आएंगे तो बिल्कुल सामान्य सुविधाएं देनी और सामान्य चार्ज लेने हैं। लेकिन अभी तक जिले में एक भी घर पंजीकृत नहीं हुआ है।
