कुत्ते के काटने से पागल हुआ सांड : 12 को उठा-उठा कर पटका,दो की मौत,10 लहुलुहान

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Published By Virendra Pandey
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संवाददाता, हरदोई/हरियावां, अमृत विचार : पागल कुत्ते के काटने से पागल हुए छुट्टा सांड़ ने कई गांवों में जमकर मौत का तांडव किया। उसके हमले में घायल 12 लोगों में से दो की मौत हो गई जबकि 10 लोगों को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां से कुछ घायलों को गंभीर हालत में हायर सेंटर लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया। पागल सांड़ को काबू में करने की हर मुमकिन कोशिश की गई, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद सधुवन पुरवा गांव में ट्रैक्टर-ट्राली से घेरकर उसे मार दिया गया। 

जानकारी के अनुसार अहमदी गांव में एक छुट्टा सांड़ को किसी पागल कुत्ते ने काट लिया था। उसी के बाद से सांड़ भी पागल हो गया और पिछले चार-पांच दिनों से अहमदी गांव में कई ग्रामीणों पर हमला किया। सोमवार की रात उसे हरियावां की तरफ खदेड़ दिया गया, मंगलवार की सुबह भोर पहर हरियावां में सांड़ का तांडव शुरू हो गया। खेत से लौट रहे 60 वर्षीय श्याम कुमार अवस्थी और 50 वर्षीय अशोक मिश्रा पर सांड़ ने हमला कर कई बार उठा कर पटक दिया। हमले में श्याम कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अशोक मिश्रा को मेडिकल कालेज से हायर सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया। 

इसके बाद सांड़ ने सोनू त्रिवेदी (30), उसके भाई मोनू त्रिवेदी (25) और बब्लू सैनी (45) पर हमला कर घायल कर दिया। जतुली के 60 वर्षीय रामदयाल को पटक दिया। उसे मेडिकल कालेज से रेफर किया गया। निजी अस्पताल में इलाज के दौरान रामदयाल की मौत हो गई। इसके बाद हरियावां शुगर मिल में नौकरी करने वाला 40 वर्षीय आदेश श्रीवास्तव पागल सांड़ का शिकार हुआ। कुरसेली तिराहे पर खड़े आदेश को सांड़ ने पटक-पटक कर बुरी तरह लहूलुहान कर दिया। उसके अलावा जतुली निवासी सूरज बक्श (50), राधाकृष्ण की 9 साल की बेटी सुमिता, उतरा निवासी बड़कौनू सिंह (70), प्रभु दयाल (60), कल्लू सिंह (30) और मिहीलाल वर्मा (65) सांड़ के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। पागल सांड़ भागते हुए रास्ते में मिलने वाले लोगों पर हमला कर रहा था, उधर उसके पीछे ग्रामीणों की भीड़ दौड़ रही थी। लाख प्रयास के बाद भी उसे काबू में नहीं किया जा सका। ग्रामीण उसे खदेड़ते हुए सधुवन पुरवा तक ले गए। वहां तीन-तीन ट्रैक्टर-ट्राली से उसे बड़ी मुश्किल से घेरकर मौत के घाट उतारा गया।

सारा कुछ हो गया,उसके बाद पहुंचे ‘साहब’

अहमदी गांव से पागल हुए सांड़ ने कई घंटों हरियावां, जतुली, कुरसेली और उतरा में मौत का तांडव करता रहा। जान हथेली पर लिए सैकड़ो ग्रामीण घेरने के लिए उसके पीछे-पीछे दौड़ रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन का एक भी जिम्मेदार अिधकारी नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने जब उसे सधुवन पुरवा में घेरकर मार दिया, उसके बाद तहसीलदार सदर सचिंद्र शुक्ला के साथ राजस्व टीम वहां पहुंची। हालांकि एसएचओ हरियावां वीर बहादुर सिंह लगातार अपनी टीम के साथ कांबिंग करते हुए देखे गए।

ज़मीनी हकीकत से गुम हुईं गौशाला

सरकार ने सड़क पर आवारा घूमने वाले गोवंशों को ठिकाना देने के लिए गांव-गांव गौशालाएं खोली,उन पर लाखो नहीं बल्कि करोड़ो रुपये खर्च भी किए,लेकिन सच्चाई यही है कि गौशाला गोवंशों का ठिकाना नहीं,बल्कि ज़िम्मेदारों के लिए कमाई का ज़रिया बने हुए है। मौत का तांडव मचाने वाला आवारा सांड अहमदी में घूमा करता था,वहीं से पागल हुआ। लोगों का कहना है कि अगर उसे गौशाला में आश्रय मिल जाता तो वह न तो खुले में घूमता और न उसे पागल कुत्ता काटता,और जब ऐसा नहीं होता तो मंगलवार को जो हुआ,वह भी नहीं होता।

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