महाभारत सर्किट बढ़ाएंगे यूपी में पर्यटन... विकास कार्य के लिए दो करोड़ का बजट स्वीकृत 

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने महाभारत सर्किट के अंतर्गत मेरठ जिला स्थित परीक्षितगढ़ के श्रृंगी ऋषि आश्रम के समेकित पर्यटन विकास की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है। इसके लिए राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इस परियोजना के लिये दो करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। 

श्रृंगी ऋषि आश्रम के संबंध में यह मान्यता है कि यहीं से कलियुग की शुरुआत हुई थी। महाभारत काल की कई प्रमुख घटनाएं इसी क्षेत्र से जुड़ी मानी जाती हैं। यह स्थल ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मेरठ के इस प्राचीन स्थल पर ऋषि श्रृंगी और ऋषि शमीक की प्रतिमाएं स्थापित हैं, जो पर्यटकों में विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। आश्रम परिसर में स्थित यज्ञशाला पर पदचिह्नों के निशान आगंतुकों को इतिहास और आस्था से जोड़ते हैं। 

उन्होंने कहा कि "उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग राज्य के धार्मिक स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ते हुए उनका सर्वांगीण विकास कर रहा है। श्रृंगी ऋषि आश्रम का विकास इस दिशा में एक बड़ा कदम है।" उन्होंने बताया कि मेरठ जनपद में श्रृंगी ऋषि आश्रम के अलावा नौचंदी परिसर स्थित मां चंडी देवी मंदिर, बिलेश्वर नाथ मंदिर (कैंट), बाबा औघड़नाथ मंदिर, हस्तिनापुर, गांधारी सरोवर, गोपेश्वर मंदिर और कात्यायनी देवी मंदिर जैसे धार्मिक स्थल हैं, जहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। 

जयवीर सिंह ने कहा कि "महाभारत सर्किट का विकास न केवल सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करेगा, बल्कि मेरठ को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।" वर्ष 2024 में मेरठ आने वाले पर्यटकों की संख्या 3778066 रही थी, जबकि वर्ष 2025 के जनवरी से जून तक यह संख्या 1060531 रही। बड़ी संख्या में पर्यटक आगमन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिला है और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। 

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