बाराबंकी : हादसे पर हादसे...पर हर जांच रही बेनतीजा, पटाखा कारखानों में विस्फोट से अब तक आठ लोगों की मौत
बाराबंकी, अमृत विचार। दो दशक से भी अधिक समय के भीतर सरकारी लाइसेंस पाकर पटाखा बना रहे कारखानों में हुई विस्फोट की घटनाओं में अब तक आठ मौतें हो चुकीं और 17 लोग घायल हुए लेकिन किसी भी घटना की जांच नतीजे तक नहीं पहुंच सकी। यहां तक कि इन हादसों के पीछे कारण तक सामने नहीं आ सके। लाइसेंसी होने के नाते काम तो वैध ही माना गया बस करने के तरीके अलग अलग रहे। जैसे कि एक घटना में फैक्ट्री का पता अलग था और पटाखे कहीं और बन रहे थे।
बताते चलें कि संयोग से सारी घटनाओं का तहसील क्षेत्र रामसनेहीघाट ही है और हर घटना चर्चा का विषय बन गई। वर्ष 2013 के मई माह में कोतवाली क्षेत्र में स्थित आतिशबाजी की एक लाइसेंसी फैक्ट्री में आग लगने से जोरदार विस्फोट हुए और तीन लोगों की मौत हो गई। हादसा बड़ा था, पुलिस की जांच शुरु होकर खत्म हुई लेकिन कारण सामने नहीं आया। इसके बाद वर्ष 2018 में 25 दिसंबर को ग्राम धारूपुर में लाइसेंसी हसीब की फैक्ट्री में पटाखा बनाते समय हुए धमाके में दो लोगों की मौत हुई जबकि एक दर्जन लोग घायल हो गए।
एक खुलासा यह कि इस घटना में लिखा पढ़ी में फैक्ट्री गांव से बाहर दिखाई गई जबकि पटाखे घर में बनाए जा रहे थे। इसी तरह वर्ष 2023 में ग्राम धरौली में एक लाइसेंसी की फैक्ट्री में हुए धमाके में उसकी बेटी गंभीर रूप से जख्मी हुई, जिसने करीब बीस दिन बाद दम तोड़ दिया। इसके बाद गुरुवार को टिकैतनगर थाना क्षेत्र के ग्राम सरांय बरई में हुए धमाके में दो लोगों के चीथड़े उड़े जबकि पांच लोगों का इलाज अलग अलग चल रहा है। इस हादसे की फारेंसिक जांच चल रही है, कारण अभी तक सामने नहीं आया है। अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी रितेश सिंह ने बताया कि घटना की जांच जारी है। वजह अभी सामने नहीं आई है।
घायलों से मिले राज्यमंत्री, गांव में सन्नाटा
टिकैतनगर थाना क्षेत्र के सरांय बरई में पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में सभी पांच घायलों का इलाज जारी है और हालत स्थिर बनी हुई है, वहीं घटनास्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है, जबकि फैक्ट्री के आस पास अभी भी धुआं उठ रहा है। ग्रामीणों में घटना को लेकर तरह तरह की चर्चाएं आम हैं। शुक्रवार को सूबे के राज्यमंत्री सतीश शर्मा के अलावा पूर्व मंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप ने घायलों से मिलकर हालचाल लिया।
