Uttarakhand Festival: म्यूजिकल चेयर रेस में दीपा, अलका और रागिनी जीतीं...बाल दिवस पर हुए विभिन्न कार्यक्रम 

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। उत्तराखंड महोत्सव में शुक्रवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ म्यूजिकल चेयर रेस भी कराई गई। महिला शाखा के इस आयोजन में तीन चक्र में 45 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। प्रथम चक्र में दीपा जोशी, द्वितीय चक्र में अलका सक्सेना और तृतीय चक्र में रागिनी कश्यप विजेता रहीं। बाल दिवस के उपलक्ष्य में बच्चों ने भी नृत्य प्रस्तुत किया। उत्तराखंड के गायक नीरज चुफाल की टीम ने बंदे की बाना..., म्यर झुमके रगो बक्सा में... तथा मधु मधु है रे सरा पहाड़ा... के जरिये समा बांधा दिया।

उत्तराखंड महापरिषद गोमती तट स्थित पं. गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में उत्तराखंड महोत्सव का आयोजन कर रहा है। छठवें दिन सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत भरतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक अनिल कुमार, उप महाप्रबंधक राजीव रावत, महापरिषद के सलाहकार गोपाल सिंह भण्डारी, एलआईसी के वरिष्ठ मंडल प्रबन्धक संजय कुमार सिंह, फूड मैन डॉ. विशाल सिंह आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। 

नृत्य फ्रोलिक डांस एकेडमी एल्डिको सिटी आईआईएम की ओर से पल्लवी प्रजापति के निर्देशन में उधांचल कला केन्द्र अल्मोडा की टीम ने छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया। इसमें राम आएंगे..., देवी स्तुति तथा काली रक्तबीज की प्रस्तुतियां दीं गईं। संस्कृति विभाग देहरादून उत्तराखंड के सहयोग से आए दल जय महासू विशू मेला जौनसार भाबर कला मंच के दल द्वारा दुर्गा देवी के निर्देशन में देव वन्दना, परात नृत्य, एवं तांदी नृत्य से गजब ढाया तथा दर्शकों की तालियां बटोरी। झोड़ा प्रतियोगिता के द्वितीय राउण्ड में चार, नाचेगा भारत के दूसरे राउण्ड में तीन, डांस उत्तराखंड डांस सीजन-4 के दूसरे राउण्ड में चार दलों ने प्रस्तुति दी।

डॉक्टरों ने दी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी

महोत्सव पंडाल में दोपहर 2 बजे महोत्सव स्थल पर स्वास्थ्य संबंधी चर्चा हुई। इसमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में कार्यरत डॉ. पूर्णिमा, डॉ. अनीता नेगी, डॉ. स्वपना, डॉ. शिखा और डॉ. रागिनी ने महोत्सव में आए लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी।

मेला स्थल पर मिल रही हैं कई काम की चीजें

मीडिया प्रभारी राजेंद्र सिंह कनवाल ने बताया कि यहां मिल रहे उत्पाद विशेष हैं। गहत की दाल पथरी के लिए रामबाण है, इसे पानी खूब उबाल के पका कर पानी पीने से पथरी टूटकर निकल जाती है। पुराने जमाने में इस दाल का पानी चट्टान तोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता था। काले भट्ट की दाल पीसकर चावल में पतली खिचड़ी (जोला) खाने से पीलिया सही होता है। पहाड़ का पिसा नमक (पहाड़ी पिसी नूण) स्वादिष्ट एवं गैस विकार को दूर करता है और पाचन क्रिया में सहायक है। भंगिरा बीज स्वादिष्ट नमक और चटनी पीसने के साथ पाचन गैस विकार में सहायक है।

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