दो साल बाद परिवार को मिला इंसाफ... सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को 18.32 लाख का मुआवजा देने का आदेश

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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नई दिल्ली। मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2023 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को 18.32 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। पीठासीन अधिकारी तरुण योगेश की अध्यक्षता में एमएसीटी आशिफ के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। नौ अक्टूबर, 2023 को एक ट्रक ने आशिफ की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई थी। 

याचिका के अनुसार, आशिफ अपनी मोटरसाइकिल चला रहा था तभी दिल्ली के पंखा रोड के पास लापरवाही से चलाए जा रहे ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। उसे हरि नगर स्थित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे ‘‘मृत’’ घोषित कर दिया। चालक और वाहन मालिक ने सुनवाई के दौरान लापरवाही से वाहन चलाने के आरोपों का खंडन नहीं किया। न्यायाधिकरण ने 10 नवंबर के अपने आदेश में कहा कि स्थापित कानून के अनुसार, चालक के खिलाफ प्राथमिकी का होना, साथ ही मामले का आपराधिक रिकॉर्ड, जिसमें पुलिस द्वारा जांच पूरी होने और अंतिम रिपोर्ट तैयार होने का संकेत हो, यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत माना जाता है कि चालक ने लापरवाही से वाहन चलाया। याचिकाकर्ता पांच सदस्यों - आशिफ की मां, पिता और तीन बहनों ने मुआवजे की मांग की थी।

चूंकि आशिफ के पिता की अपनी स्वतंत्र आय पाई गई इसलिए उन्हें आश्रित नहीं माना गया बल्कि उन्हें अन्य मदों के तहत मुआवजा दिया गया। आशिफ के रोजगार के प्रमाण के अभाव में उनकी काल्पनिक आय उत्तर प्रदेश में लागू अकुशल श्रमिक के न्यूनतम वेतन के अनुसार ली गई। वैधानिक बचाव के अभाव के कारण दुर्घटनाग्रस्त वाहन की बीमा कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को पीड़ित परिवार को पूरी राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी ठहराया गया। 

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