Delhi Blast: डॉ. शाहीन का जैश-ए-मोहम्मद से एक दशक पुराना ताल्लुक, एनआईए की जांच में हुई पुष्टि
लखनऊ, अमृत विचार: दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले में शामिल आतंकी लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद 10 साल से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से सीधे जुड़ी थी। एनआईए की जांच में इसकी पुष्टि हो गई है। एनआईए के अधिकारी के मुताबिक डॉ. शाहीन 2015 में जैश से जुड़ी। शाहीन ने एक वर्ष तक जैश को भारत से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं भेजती रहीं। 2016 में वह जैश की सक्रिय सदस्य बनी। सुरक्षा एजेंसियां उसके दस वर्षों के ठिकानों, बैंक खातों, मोबाइल डिटेल व उससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जुटा रही हैं।
एनआईए की जांच में सामने आया कि दिल्ली लाल किला बम धमाके की साजिश काफी पहले रची गई थी। एक वर्ष से इसके लिए सफेदपोश आतंकियों को प्रशिक्षित किया जा रहा था। दिल्ली धमाके के बाद एक-एक कर कई बड़े खुलासे हुए। इस मामले में पकड़ी गई डॉ. शाहीन शाहिद का कनेक्शन लखनऊ में ही नहीं बल्कि कानपुर में भी मिला। इसकी जानकारी होने पर सुरक्षा एजेंसियों ने कानपुर मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉ. आरिफ मीर को गिरफ्तार किया। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले डॉ. मो. आरिफ मीर के लैपटॉप से दिल्ली स्पेशल सेल को एक एप मिला था। इसी एप के जरिये यह लोग आपस में कम्युनिकेशन करते थे। एप का डाटा गायब है। ऐसे में उसे रिकवर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने लखनऊ, कानपुर समेत कई महानगरों में खुले मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे करीब डेढ़ सौ से अधिक जम्मू-कश्मीर के छात्रों की सूची तैयार की है। जिन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
सिमी, आईएम व पीएफआई का सुरक्षित ठिकाना बना यूपी
उत्तर प्रदेश में आतंकी सगठनों से जुड़े लोगों का सुरक्षित ठिकाना दो दशक पहले से रहा है। 2008 में दिल्ली में हुए बम धमाके में 30 लोगों की मौत हुई थी। इसे इंडियन मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था। पुष्टि हुई कि बटला हाउस में इस घटना को अंजाम देने वाले पांच आतंकी छिपे हैं। छापेमारी के दौरान 19 सितंबर को दोनों तरफ से फायरिंग हुई। जिसमें दो आतंकी आतिफ अमीन व साजिद मारा गया। मो. सैफ ने समर्पण किया। बटला हाउस एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गये। दो पुलिसकर्मी घायल थे। बाद में शहजाद अहमद को गिरफ्तार किया। इसके बाद पांच संदिग्ध यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले थे। इसके बाद कई बार यूपी में सांप्रदायिक दंगा कराने का प्रयास किया गया। सुरक्षा एजेंसियों ने खुफिया विंग की सूचनाओं पर छापेमारी की तो सिमी, आईएम, पीएफआई के लोगों के शामिल होने की पुष्टि हुई। एटीएस व एसटीएफ ने एनआईए के साथ पिछले तीन वर्ष में पीएफआई के 28 लोगों को गिरफ्तार किया। जिनकी गतिविधियां देश विरोधी थी। इनके खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई की। उनकी 131 करोड़ की संपत्ति भी कुर्क की है।
‘आपरेशन हमदर्द’ का हुआ खुलासा
एटीएस के अधिकारी के मुताबिक पूर्व में गिरफ्तार किये गये डॉ. मुजम्मिल की डायरी में ''ऑपरेशन हमदर्द'' नाम से एक योजना बनाई गई थी। इसमें मुस्लिम लड़कियों को हमलों के लिए तैयार करने की योजना थी। ये काम शाहीन को करना था। 25-30 लोगों का नेटवर्क जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद से जुड़ा है। रविवार को यूपी पुलिस फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची है। यहां डॉक्टर मुजम्मिल पढ़ाता था। एटीएस के मुताबिक दिल्ली धमाके के बाद डॉ. शाहीन शाहिद व उसका भाई डॉ. परवेज विदेश भागने की पूरी तैयारी कर चुके थे। शाहीन ने अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। पर, सत्यापन रिपोर्ट तैयार करने में देरी के कारण योजना धरी रह गई। सूत्रों ने बताया कि शाहीन को जैश-ए-मोहम्म्द से जुड़े आतंकी ''मैडम सर्जन'' बुलाते थे।एटीएस अधिकारी के मुताबिक अभी लखनऊ के कई इलाके में डॉ. शाहीन व डॉ. परवेज से जुड़े लोग संदेह के घेरे में हैं। उनकी निगरानी की जा रही है। साक्ष्य मिलने के बाद उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।
डॉ. शाहीन के मिले तीन जिलों में बैंक खाते
दिल्ली में कार ब्लास्ट की मास्टर माइंड कही जाने वाली डॉ. शाहीन ने एक के बाद एक खुलासे किए हैं। एटीएस की पूछताछ में सामने आया है कि डॉ. शाहीन के लखनऊ, कानपुर और सहारनपुर जिले में बैंक खाते थे। इन तीनों अकाउंट से लगातार लेन-देन भी होती थी। इनमें से एक ज्वाइंट अकाउंट भी है। इनमें से उसके भाई डॉ. परवेज को भी रकम गई है। एटीएस अब इन खातों के आधार पर ही डॉ. शाहीन से जुड़े लोगों से पूछताछ करेगी। जम्मू-कश्मीर पुलिस डॉ. शाहीन के भाई डॉ. परवेज से लगातार पूछताछ कर रही है। डॉ. शहीन के अब तब सामने आए बयानों के आधार पर उससे सवाल जवाब हुए। दोनों को आमने-सामने भी बैठाया गया। इस दौरान कई नई बातें सामने आई।
