नैनो तकनीक से सलाद पत्ती की खेती की खुलेगी नई राह, गाबा एमिनो ब्यूट्रिक एसिड के माध्यम से नई क्रांति का होगा सूत्रपात
फाइबर, कैल्शियम, आयरन व विटामिन ए, के और सी का उत्कृष्ट स्रोत
लखनऊ, अमृत विचार: सलाद पत्ती जिसे लेट्यूस कहा जाता है, इसकी गुणवत्ता को देखते हुए दुनिया भर में इसकी मांग बढ़ती जा रही है। मूलरूप से यूरोप की यह वनस्पति अब दुनिया के अनेक देशों में उगाई जाने लगी है। लखनऊ विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के शोध ने इसके उत्पादन और खेती में क्रांतिकारी तथ्य खोज निकाला है। जिससे इसका उत्पादन देश में कई गुना बढ़ सकता है। विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग के प्रो. मोहम्मद इसरायल के मार्गदर्शन में पुष्पांजलि यादव ने पर्यावरण अनुकूल नैनो तकनीक विकसित की है।
शोधार्थी पुष्पांजलि यादव ने गाबा एमिनो ब्यूट्रिक एसिड के माध्यम से एक ऐसी पर्यावरण अनुकूल नैनो तकनीक विकसित की है, जो पौष्टिक पत्तेदार सब्ज़ी लेट्यूस (सलाद पत्ता) की खेती में नए आयाम खोलेगी। लेट्यूस विश्वभर में सबसे अधिक खपत की जाने वाली पत्तेदार सब्ज़ियों में से एक है, जिसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों में सलाद के रूप में किया जाता है। यह एक पौष्टिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पत्तेदार सब्ज़ी है, जिसकी वैश्विक मांग और बाजार मूल्य लगातार बढ़ रहा है। यह शोध हाल ही मेंनीदरलैंड्स के एल्सेवियर के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल बायोकैटलिसिस एंड एग्रीकल्चरल जैव प्रौद्योगिकी में प्रकाशित हुआ है। प्रो. इसरायल अंसारी ने बताया कि जब गाबा को स्वर्ण नैनो कणों के साथ संयोजित किया गया, तो इसने न केवल नैनोकणों को स्थिर किया बल्कि उनकी जैव-उपलब्धता और प्रभावकारिता भी बढ़ा दी। यह तकनीक पौधों की शारीरिक और जैव रासायनिक क्रियाओं में सुधार लाती है, जिससे पौधों की उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
शोध में हुआ खुलासा
अध्ययन में पाया गया कि गाबा-स्वर्ण नैनोकणों के प्रभाव से लेट्यूस के बीजों में अंकुरण, जड़ और तने की वृद्धि, क्लोरोफिल की मात्रा और एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम गतिविधि में वृद्धि हुई। साथ ही लेट्यूस के पौधों में कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे खनिजों का अवशोषण भी बढ़ा, जिससे पौधे अधिक स्वस्थ और तनाव सहिष्णु बने। यह ग्रीन नैनो तकनीक पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों का सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प बन सकती है। यह खोज न केवल लेट्यूस, बल्कि अन्य फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने में भी सहायक होगी।
फाइबर और विटामिन का खजाना
लेटयूस फाइबर, कैल्शियम, आयरन तथा विटामिन ए, के, तथा सी का खजाना है। यह कैलोरी और सोडियम में कम, लेकिन पोटेशियम और फोलेट जैसे खनिजों में समृद्ध होता है, जिससे यह स्वस्थ आहार का आदर्श हिस्सा बन जाता है।
कई रोगों में कारगर
अपने पोषण गुणवत्ता के अलावा लेटयूस में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। यह ऑक्सीडेटिव क्षति, कैंसर, अल्ज़ाइमर रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता रखता है।
