छह दिसंबर को बड़े आतंकी हमले की थी तैयारी, सुरक्षा एजेंसियों की जांच... डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज से पूछताछ में हुआ खुलासा
शाहीन के पास मिले डिजिटल साक्ष्य, डायरी व नोट्स में दर्ज है पूरा प्लान
लखनऊ, अमृत विचार: सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में आई डॉ. शाहीन शाहिद का कुबूलनामा चौंकाने वाला है। एजेंसियां डॉ. शाहीन को दिल्ली बम धमाके का मास्टर माइंड बता रहीं हैं। शाहीन के पास से मिले डिजिटल साक्ष्य, डायरी, उसके नोट्स की जांच की गई। जिसमें 6 दिसंबर को होने वाले आतंकी हमले के प्लान के बारे में विस्तार से बताया गया है। प्लान का एकमात्र उद्देश्य 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेना था। एजेंसियां पूरे गिरोह के पर्दाफाश के लिए जुटी हैं।
एजेंसियों की जांच में सामने आया कि डॉ. शाहीन पर करीब चार वर्ष पूर्व एक करीबी रिश्तेदार ने शादी कर परिवार बसाने और नौकरी के बारे में दबाव बनाया। इस पर शाहीन ने कहा कि उसके परिवार नहीं कौम के लिए कुछ करने का समय आ गया है। जांच में सामने आया कि शाहीन जैश-ए-मोहम्मद से काफी पहले जुड़ी थी। वर्षों से इसका प्लान तैयार कर रही थी। इस मिशन की वह मास्टर माइंड है। डॉ. शाहीन को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ''मैडम सर्जन'' कहकर बुलाते थे। शाहीन 6 दिसंबर (बाबरी विध्वंस) का बदला लेना चाहती थी। इसके लिए साथी डॉक्टरों के साथ मिलकर 6 शहरों में आतंकी हमला करने की योजना बनाकर काम कर रही थी। जांच एजेंसियों ने हर बिंदु पर जांच शुरू कर दिया है। साथ ही हर सामान की जांच कर रही है जो शाहीन के पास से मिली हैं। इनमें डिजिटल सबूत, डायरियां और आतंकी मिशन के नोट्स शामिल हैं। इन नोट्स में 6 दिसंबर को होने वाले आतंकी हमले के षडयंत्र के बारे में विस्तार से बताया गया है।
तीन शहर और सात बैंक खाते
जांच में सामने आया कि डॉ. शाहीन और कश्मीरी मूल के डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी व डॉ. उमर उन नबी को क्या काम सौंपे गये थे। सभी डॉक्टर 2021 में जैश-ए-मोहम्मद समर्थित एक ग्रुप में शामिल हो गए थे। जांच में उमर, मुजम्मिल और शाहीन के पास जैश हैंडलर के माध्यम से आए 20 लाख रुपये हवाला के जरिये आने की पुष्टि हुई है। इसका प्रयोग नए आतंकियों की भर्ती, उन्हें सुरक्षित ठिकाना दिलाना और एक दूसरे से संपर्क स्थापित करने के लिए करनी थी।
जांच एजेंसियों के मुताबिक डॉ. शाहीन को विदेशों से फंडिंग की जा रही थी। डॉ. शाहीन के नाम पर कानपुर में 3, लखनऊ और दिल्ली में दो-दो बैंक खाते मिले हैं। इन बैंक खातों से हुए प्रत्येक ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है। विदेशी फंडिंग वाले मॉड्यूल से किसी भी तरह के संबंध की तलाश जारी है। टीमें कानपुर में, खासकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पड़ताल कर ही है। यहीं पर डॉ. शाहीन लापता होने तक काम करती थी। जांच एजेंसी लखनऊ, कानपुर, फरीदाबाद समेत उससे जुड़े हर ठिकानों पर नजर रखे है। ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
