Moradabad : मौसम में बदलाव से गले और कान का संक्रमण बढ़ा

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण नाक, कान और गले के रोगी बढ़ गए हैं। गले में खराश के साथ जख्म बन रहे हैं। जिला अस्पताल के साथ ही सीएचसी और पीएचसी में रोजाना ऐसे 150 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। वायरल, त्वचा रोग, पेट संक्रमण के मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।

जिला अस्पताल में ईएनटी डॉ. समृद्धि सेठिया ने बताया कि बदलते मौसम में गला, कान का संक्रमण बढ़ रहा है। खानपान और मौसम के प्रति सचेत नहीं रहने वाले लोगों में इसका असर अधिक है। कान में दर्द की समस्या लेकर हर रोज मरीज आ रहे हैं, इनमें बच्चे सबसे अधिक है। इसके अलावा घरघराहट, तेज खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे लक्षण सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले रोजाना ओपीडी में 100 से अधिक मरीज आते थे, लेकिन इन दिनों 150 से अधिक आ रहे हैं। 

फिजिशियन डॉ. आशीष कुमार सिंह ने बताया कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, गले के इंफेक्शन और जैस लेने में परेशानी वाले मरीजी की संख्या लगातार बढ़ रही है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वीर सिंह ने बताया कि इस मौसम में बच्चों में उल्टी, दस्त की समस्या बढ़ी है। पेट में दर्द की समस्या सबसे अधिक आ रही है। निमोनिया के मामले भी आ रहे हैं। इस मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति अभिभावकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। वहीं, जो बच्चे मां का दूध पी रहे हैं ऐसे महिलाओं को ठंड से बचने का सुझाव दिया जा रहा है। क्योंकि, मां का स्तनपान करने वाले बच्चों को उन्हीं से ठंड जकड़ती है।

बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय
- घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें या रुमाल से नाक-मुंह ढक लें।
- छोटे बच्चे, बुजुर्ग और सांस रोगी सुबह और शाम बाहर जाने से बचें।

- गुनगुने पानी से गरारे और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।
- दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि गले की सूजन कम हो।

- घर के अंदर हवा शुद्ध करने वाला उपकरण रखें।
- धूल से बचें, घर की सफाई नियमित करें।

- सांस लेने में दिक्कत, लगातार खांसी, तेज बुखार या गले में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

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