मेरा शहर मेरी प्रेरणा: प्रियंका चोपड़ा...जिसने बरेली के युवाओं को सपने देखना सिखाया
वह वर्ष 1999 था जब एक पढ़ने वाली लड़की को पहली बार अपने व्यक्तित्व की सुंदरता और आकर्षण का एहसास हुआ और कुछ कर दिखाने के अरमान जागे। मौका था बरेली क्लब की ओर से आयोजित ‘मे क्वीन’ नाम की सौंदर्य प्रतियोगिता का जिसमें प्रियंका अपनी मां मधु चोपड़ा के साथ बतौर दर्शक शामिल होने पहुंची थीं लेकिन आयोजन समिति के एक सदस्य ने अचानक उन्हें भी इस प्रतियोगिता में भाग लेने का सुझाव दिया और मां के कहने पर आननफानन तैयारी कर उन्होंने न सिर्फ इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया बल्कि खिताब झटककर काफी तैयारी करके आई दूसरी प्रतिभागियों को मायूस भी कर दिया।
प्रियंका उस दौरान आर्मी स्कूल में पढ़ती थीं। बरेली क्लब में ‘मे क्वीन’ का खिताब जीतने के बाद प्रियंका के ख्वाबों की उड़ान शुरू हुई। यहां से उनका सफर शुरू हुआ तो मिस वर्ल्ड बनने के बाद बॉलीवुड में स्थापित होने और हॉलीवुड तक पहुंचने के बाद भी नहीं थमा। प्रियंका की इस सफलता ने बरेली के तमाम और युवाओं को इसी तरह के ख्वाब देखना सिखा दिया।
जिस प्रियंका को दुनिया ने पहचाना उसे भी मां मधु चोपड़ा ने दिया जन्म
प्रियंका चोपड़ा को जन्म देने वाली उनकी मां मधु चोपड़ा ने ही उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई, जहां पूरी दुनिया ने उन्हें पहचाना। बचपन से युवा होने तक प्रियंका का काफी समय बरेली में गुजरा। जिस दौरान वह आर्मी स्कूल में पढ़ती थीं, मां के कहने पर उन्होंने गायन सीखना शुरू किया था। काफी समय तक कैंट के सदर बाजार में संगीत शिक्षक धर्मप्रकाश उपाध्याय से गायन सीखने जाती रहीं लेकिन बाद में यह सिलसिला टूट गया। ‘मे क्वीन’ बनने के बाद उन्होंने अपनी मां मधु चोपड़ा के जोर देने पर मॉडलिंग में हाथ आजमाया। तारीफ और आलोचना के बीच उनकी मां ने ही उनकी तस्वीरें मिस इंडिया प्रतियोगिता के लिए भेजीं, जहां से वे आगे बढ़ीं और 30 नवंबर 2000 को मिस वर्ल्ड का ताज पहनने में सफल रहीं। मिस वर्ल्ड बनने के बाद बरेली लौटी प्रियंका का भव्य सम्मान किया गया। प्रियंका के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक चोपड़ा ने भी उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
हॉलीवुड का कामयाब सफर
बॉलीवुड में अपनी असाधारण सफलता के बाद प्रियंका ने हॉलीवुड की ओर रुख किया। अमेरिकी टीवी शो ‘क्वांटिको’ में मुख्य भूमिका निभाकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई। इसके बाद ‘बेवॉच’, ‘इजंट इट रोमांटिक’, ‘द व्हाइट टाइगर’, ‘द मैट्रिक्स रिसरेक्शन्स’, ‘लव अगेन’, और ‘हेड्स ऑफ स्टेट’ जैसी कई हॉलीवुड फिल्मों में नजर आईं।
उपलब्धियों से भरा करियर
प्रियंका चोपड़ा ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पांच फिल्म फेयर अवार्ड्स, पीपुल्स चॉइस अवार्ड समेत कई प्रतिष्ठित सम्मान हासिल किए हैं। वे न सिर्फ अभिनय बल्कि गायन और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं। सेल्फ मेड स्टार कहलाने वाली प्रियंका ने अपनी मां के साथ गहरा रिश्ता निभाया। मधु चोपड़ा डॉक्टर थीं लेकिन उन्होंने बेटी के सपनों को उड़ान देने के लिए अपने करियर को पीछे रखा।
4 साल में ही बदल गई दुनिया, बॉलीवुड से मिला ऑफर
1999 में ‘मे क्वीन’ बनने और फिर मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने के बाद 4 साल में ही प्रियंका चोपड़ा की दुनिया बदल गई। मिस वर्ल्ड बनने के बाद प्रियंका को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से ऑफर शुरू हो गए। उन्होंने 2003 में ‘द हीरो: लव स्टोरी ऑफ अ स्पाई’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। शुरुआती फिल्मों में उन्हें सेकेंड लीड मिला, लेकिन उनकी प्रतिभा ने उन्हें जल्द ही टॉप एक्ट्रेस के रूप में स्थापित कर दिया। फैशन, ‘कमीने, मैरी कॉम, बर्फी, 7 खून माफ आदि फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया। फिल्म ‘फैशन’ प्रियंका के करियर का टर्निंग पॉइंट थी।
