माघ मेले के लिये संगम तट पर गंगा पूजन, वैदिक मंत्रोचार के साथ दुग्ध अभिषेक कर सफल आयोजन की कामना
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के संगम की रेती पर जनवरी 2026 में आयोजित होने वाले माघ मेले को लेकर संगम तट पर मंगलवार को विधि विधान से गंगा पूजन किया गया। गंगा पूजन कर माघ मेले के सकुशल संपन्न होने की मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती से कामना की गई। गंगा पूजन में तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोचार के साथ दुग्ध अभिषेक कराया और संगम तट पर मां गंगा की भव्य आरती की गई।
गंगा पूजन में यजमान के रूप में कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, डीएम मनीष कुमार वर्मा, पीडीए उपाध्यक्ष व मेला अधिकारी ऋषि राज, अपर मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद, पुलिस कमिश्नर जोगिंदर कुमार और मेले की तैयारी से जुड़े अधिकारी शामिल हुए। गंगा पूजन में मेले के आयोजन से जुड़े अफसरों के साथ ही मेयर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी, श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर महंत बलवीर गिरी और अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज समेत कई संत महात्मा और तीर्थ पुरोहित गंगा पूजन में शामिल हुए।
हर साल माघ मेले से पहले गंगा पूजन किए जाने की परंपरा है। गंगा पूजन के बाद माघ मेले की तैयारियां तेज हो जाती हैं। इस बार माघ मेले की शुरुआत 3 जनवरी को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व से हो रही है। इसी के साथ कल्पवास का संकल्प लेकर हजारों कल्पवासी कल्पवास की भी शुरुआत करेंगे।
दूसरा स्नान पर्व 15 जनवरी को मकर संक्रांति, तीसरा स्नान पर्व मौनी अमावस्या 18 जनवरी, चौथा स्नान पर्व बसन्त पंचमी का 23 जनवरी , पांचवां स्नान पर्व माघी पूर्णिमा 01 फरवरी को होगा। माघी पूर्णिमा के साथ ही कल्पवासी कल्पवास पूरा कर अपने घरों को लौटेंगे। जबकि 15 फरवरी को महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान पर्व के साथ माघ मेले का समापन होगा। संगम रेती पर आयोजित मेले में 44 दिनों तक धर्म और अध्यात्म की बयार बहेगी।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने दिव्य और भव्य महाकुंभ 2025 के बाद आयोजित होने वाले इस माघ मेले को मिनी कुंभ के तौर पर आयोजित करने का निर्देश दिया है। जिसके चलते इस बार माघ मेले में कई नए प्रयोग भी किया जा रहे हैं। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की अध्यक्ष और कमिश्नर प्रयागराज मंडल सौम्या अग्रवाल के मुताबिक माघ मेला 800 हेक्टेयर में बसेगा। इस बार एक अतिरिक्त सेक्टर बनाया जाएगा।
माघ मेले में 6 के बजाय 7 सेक्टर बनेंगे। जबकि इस बार एक अतिरिक्त पांटून ब्रिज भी बनेगा। यानी इस बार माघ मेले में 6 के बजाय 7 पांटून ब्रिज बनेंगे। कमिश्नर के मुताबिक मेले में पुराने अनुभवों से जहां फायदा मिलेगा। वहीं कुछ नए प्रयोग भी किया जा रहे हैं। माघ मेला भी दिव्य और भव्य हो इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि गंगा पूजन के साथ ही आज जमीन आवंटन का भी शुभारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे मेले की तैयारी में तेजी आएगी। उन्होंने कहा है कि माघ मेले की तैयारियों की लगातार समीक्षा भी की जा रही है और समय रहते सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।
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